मार्च में लोकसभा चुनावों के लिए अधिसूचना जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में बड़ी आबादी से जुड़े वित्त वर्ष 2018-19 के ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिनका काम अंतिम चरण में है, अधिकारियों पर उन्हें समय पर पूरा करने का दबाव है। इसके अलावा जो प्रोजेक्ट्स टेंडर स्तर पर या वर्कआर्डर जारी होने के स्तर पर हैं, उन्हें भी आचार संहिता जारी होने से पहले अंजाम तक पहुंचाया जाना है। अधिकारियों की कोशिश है कि नदी और रेल पटरी पर लगभग तैयार हो चुके विभिन्न पुलों को फरवरी तक पूरा कर खोल दिया जाए।
इसके अलावा लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुके प्रोजेक्ट्स को भी समय पर पूरा कर आचार संहिता लागू होने से पहले उनका उद्घाटन और लोकार्पण कराने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे कई प्रोजेक्ट्स को वर्क आर्डर स्टेज तक लाने की कवायद हो रही है, जिनकी टेंडरिंग हो चुकी है या टीएससी से मंजूरी मिल गई है। मनपा की कोशिश है कि अधिक से अधिक प्रोजेक्ट्स का भूमिपूजन भी आचार संहिता लागू होने से पहले करा दिया जाए। गौरतलब है कि आचार संहिता लागू होने के बाद करीब तीन महीने के लिए नए कामों पर ब्रेक लग जाएगा।
इन हालात के मद्देनजर मनपा आयुक्त एम. थेन्नारसन ने अधिकारियों को कैपिटल कामों पर अतिरिक्त ध्यान देने की हिदायत दी है। शुक्रवार को हुई कैपिटल कामों की समीक्षा बैठक में रिंगरोड पर सबजेल की जगह मनपा के नए प्रशासनिक भवन, सिटी स्क्वायर, डिंडोली में फ्लोरल गार्डन समेत विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर चर्चा हुई। आयुक्त ने अधिकारियों को हिदायत दी कि परिस्थितियों को देखते हुए कैपिटल कामों को समय रहते पूरा कर लिया जाए। आयुक्त ने इस साल खुलने वाले नदी और रेलवे ओवर ब्रिजों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि खोले जा सकने वाले सभी ब्रिजों पर काम में तेजी लाने की जरूरत है। ब्रिज सेल की टीम ने आयुक्त को आश्वस्त किया कि फरवरी तक मनपा प्रशासन ऐसे सभी ब्रिजों को खोलने की हालत में होगा।