अनेक परिवार इस कार्य में जुटे
समुद्र तट के निकट हरी मैथी की खेती करने वाले उत्तमभाई ने बताया कि बारियावार्ड विस्तार के अनेक परिवार इस कार्य में जुटे हैं। शाम के समय मिट्टी एकत्र करके एक जगह बनाई जाती है, उसमें मैथी के दाने डाले जाते है। उसके बाद एक दिन तक पानी डाला जाता है। देशी मैथी उगाने के लिए किसी भी प्रकार की खाद अथवा रसायन की जरूरत नहीं होती है। समुद्र किनारे खारी जमीन होने के बावजूद यह हरी मैथी की गुणवत्ता अच्छी होती है। दमण में मोटी दमण बारियावाड़ की मैथी की अधिक मांग है। उत्तमभाई ने बताया कि इसके लिए अच्छे पानी की आवश्यकता है तो आसपास पानी की सुविधा नहीं होने के कारण वह अपने घर से पानी लेकर मैथी की फसल में डालते हंै। समुद्र के निकट अलग-अलग जगह मिट्टी के ढेर एकत्र करके इस पर मैथी उगाई जाती है। उन्होंने बताया कि यह गलत धारणा है कि खारे पानी और खारे मिट्टी की जगह पर कुछ उगाया नहीं जा सकता है परन्तु बारियावाड़ के परिवारों ने प्रयास किया तो यहां हरी मैथी उगने लगी है। उन्होंने बताया कि मैथी से ज्यादा आवक तो नहीं होती है, परन्तु इसको बाजार में बेचकर घर खर्च निकल जाता है।
समुद्र तट के निकट हरी मैथी की खेती करने वाले उत्तमभाई ने बताया कि बारियावार्ड विस्तार के अनेक परिवार इस कार्य में जुटे हैं। शाम के समय मिट्टी एकत्र करके एक जगह बनाई जाती है, उसमें मैथी के दाने डाले जाते है। उसके बाद एक दिन तक पानी डाला जाता है। देशी मैथी उगाने के लिए किसी भी प्रकार की खाद अथवा रसायन की जरूरत नहीं होती है। समुद्र किनारे खारी जमीन होने के बावजूद यह हरी मैथी की गुणवत्ता अच्छी होती है। दमण में मोटी दमण बारियावाड़ की मैथी की अधिक मांग है। उत्तमभाई ने बताया कि इसके लिए अच्छे पानी की आवश्यकता है तो आसपास पानी की सुविधा नहीं होने के कारण वह अपने घर से पानी लेकर मैथी की फसल में डालते हंै। समुद्र के निकट अलग-अलग जगह मिट्टी के ढेर एकत्र करके इस पर मैथी उगाई जाती है। उन्होंने बताया कि यह गलत धारणा है कि खारे पानी और खारे मिट्टी की जगह पर कुछ उगाया नहीं जा सकता है परन्तु बारियावाड़ के परिवारों ने प्रयास किया तो यहां हरी मैथी उगने लगी है। उन्होंने बताया कि मैथी से ज्यादा आवक तो नहीं होती है, परन्तु इसको बाजार में बेचकर घर खर्च निकल जाता है।
सांसद निधि से नदी किनारे बनेगी सुरक्षा दीवार
दमण. दमणगंगा नदी का पानी झरी विस्तार में आने से रोकने के लिए सुरक्षा दीवार के लिए दमण दीव सांसद लालूभाई पटेल ने भूमि पूजन किया। उनके साथ झरी की उपसरपंच कंकुबेन, ग्राम पंचायत सदस्य गीताबेन धोडी, चंदन हलपति, अश्विन पटेल और भाजपा महामंत्री वासूभाई पटेल उपस्थित थे। झरी विस्तार में बारिश के समय नदी का पानी निचले विस्तार में आने का भय लगा रहता था। सांसद निधि से 55 लाख की लागत से साढ़े चार मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनेगी। इसकी मोटाई ढाई मीटर की होगी। झरी श्मशान गृह के पास बारिश में पानी एकत्र होता था। भूमि पूजन के कार्यक्रम में सांसद पटेल ने कहा कि सुरक्षा दीवार के साथ श्मशान गृह के आसपास मोरंग मिट्टी भी डाली जाएगी। कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग से पंकज पटेल सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।
दमण. दमणगंगा नदी का पानी झरी विस्तार में आने से रोकने के लिए सुरक्षा दीवार के लिए दमण दीव सांसद लालूभाई पटेल ने भूमि पूजन किया। उनके साथ झरी की उपसरपंच कंकुबेन, ग्राम पंचायत सदस्य गीताबेन धोडी, चंदन हलपति, अश्विन पटेल और भाजपा महामंत्री वासूभाई पटेल उपस्थित थे। झरी विस्तार में बारिश के समय नदी का पानी निचले विस्तार में आने का भय लगा रहता था। सांसद निधि से 55 लाख की लागत से साढ़े चार मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनेगी। इसकी मोटाई ढाई मीटर की होगी। झरी श्मशान गृह के पास बारिश में पानी एकत्र होता था। भूमि पूजन के कार्यक्रम में सांसद पटेल ने कहा कि सुरक्षा दीवार के साथ श्मशान गृह के आसपास मोरंग मिट्टी भी डाली जाएगी। कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग से पंकज पटेल सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।