इसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उनके प्रत्याशी के खिलाफ काफी गुस्सा है। कई कार्यकर्ता कुंभानी के घर पहुंचे और गद्दार, देशद्रोही का बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व पार्षद द्वारा बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। नीलेश कुम्भानी के अचानक आउट ऑफ टच हो गए हैं। सरथाणा इलाके में नीलेश कुंभानी के घर के बाहर तीन चार दिन से ताला लगा हुआ है। इसके अलावा नीलेश कुंभानी कहां हैं यह भी किसी को नहीं। जिसके कारण कांग्रेस का गुस्सा काफी बढ़ गया है।
कांग्रेस का कहना है कि नीलेश कुंभानी का न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक तौर पर भी बहिष्कार किया जाना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी नीलेश कुंभानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए कलेक्टर को लिखित ज्ञापन सौंपा है।
कांग्रेस प्रत्याशी के घर प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत करने का प्रयास किया। इसी बीच पुलिस की झड़प भी हो गई। हाथापाई करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
नीलेश कुंभानी “लोकतंत्र का हत्यारा” कांग्रेस शहर उपाध्यक्ष दिनेश सावलिया ने कहा कि नीलेश कुंभानी ने लोकतंत्र की हत्या की साजिश रची है। इसका न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक तौर पर भी बहिष्कार किया जाना चाहिए। जब हम यहां विरोध करने आए तो हमें सरथाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह बहुत गलत है।
कुंभानी के घर के बाहर बैनर लगाकर कांग्रेस ने किया विरोध नीलेश कुंभानी पर साजिश रचने के आरोप लगते देख अब कांग्रेस में भी उनका विरोध सामने आने लगा है। सूरत शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष दिनेश सावलिया और अन्य कार्यकर्ता आज विरोध करने के लिए नीलेश कुंभानी के घर गए, जिन्हें सरथाणा पुलिस ने हिरासत में लिया है।
आप ने भी कलेक्टर को दिया लिखित ज्ञापन उधर, आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर को लिखित ज्ञापन सौंपकर नीलेश कुंभानी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। आप नेता मनोज सोरठिया ने कहा कि बीजेपी ने पूरी साजिश रची है। स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र में यह पहली ऐसी शर्मनाक घटना है। नीलेश कुंभानी ने 19 लाख मतदाताओं का भरोसा तोड़ा है। लोकसभा चुनाव में साजिश रचकर लोकतंत्र को नष्ट करने का काम सूरत में किया गया है। बीजेपी ने पूरी साजिश रची है। लोकतंत्र की हत्या कर दी। लोग वोट देने के अधिकार से वंचित हो गए। इस पूरे अध्याय में जिसकी भी गलती हो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
नीलेश कुंभानी के खिलाफ कार्रवाई कर पूरे देश में एक उदाहरण स्थापित किया जाना चाहिए, ताकि कोई इस तरह से लोकतंत्र की हत्या न कर सके। चुनाव आयोग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।