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चुनावी चहल-पहल रोकेगी विकास की रफ्तार

locationसूरतPublished: Mar 22, 2019 08:32:34 pm

आचार संहिता की भेंट चढ़ेंगे दो महीने, मनपा बजट के कामों पर दिखेगा असर

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चुनावी चहल-पहल रोकेगी विकास की रफ्तार

विनीत शर्मा

सूरत. लोकसभा चुनावों का असर वित्त वर्ष 2019-20 के मनपा बजट पर पडऩा तय है। आचार संहिता लागू होने के कारण वित्त वर्ष की शुरुआत ही फीकी-फीकी रहेगी। चुनावी चहल-पहल बजट के कामों की रफ्तार को धीमा कर देगी। अधिकारियों के मुताबिक चुनावों के कारण 12 महीने का काम 10 महीने में करने का दबाव रहेगा। मनपा मुख्यालय और मगदल्ला पर प्रस्तावित बैराज समेत मनपा के कई आइकॉनिक प्रोजेक्ट्स इस बार देर से शुरू होंगे।
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। मनपा मुख्यालय और मगदल्ला में प्रस्तावित कन्वेंशनल बैराज समेत कई अहम प्रोजेक्ट्स इसकी भेंट चढ़ते दिख रहे हैं। मनपा प्रशासन ने इन प्रोजेक्ट्स को वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में खास जगह दी है। वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही नए प्रोजेक्ट्स पर अमल की कवायद शुरू होती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। आचार संहिता लागू होने के कारण इस बार वित्त वर्ष की शुरुआत में वह उत्साह देखने को नहीं मिलेगा, जो आम तौर पर दिखता है। मनपा प्रशासन बजट के कैपिटल कामों पर शुरुआत से ही तेजी दिखाता है, सत्तापक्ष में भी बड़े और डिस्प्ले प्रोजेक्ट्स को लेकर खासा उत्साह रहता है। जहां तक मनपा मुख्यालय का सवाल है, मनपा प्रशासन आधा सफर तय कर चुका है।
इसके अलावा भविष्य में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए मगदल्ला में प्रस्तावित कन्वेंशनल बैराज का काम भी नए वित्त वर्ष में शुरू होना है। यह प्रोजेक्ट बरसों से कभी किसी तो कभी किसी वजह से फाइलों में ही भटकता रहा। यह प्रोजेक्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बैराज बनने के बाद सिंगणपोर के कोजवे की डाउनस्ट्रीम में तापी नदी का खालीपन भी भर जाएगा। चुनावों के ऐलान के बाद इनके साथ ही बजट में शामिल कई अन्य नए प्रोजेक्ट्स पर ग्रहण लग गया है। आचार संहिता लागू रहने तक मनपा प्रशासनन इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू नहीं कर पाएगा।
कम पड़ते हैं 12 महीने

मनपा प्रशासन को बजट पर अमल के लिए 12 महीने भी कम पड़ जाते हैं। साल में दो बार होली और दीपावली पर पडऩे वाले लंबे अवकाश काम की गति को बाधित करते हैं। ऐसे में आचार संहिता के कारण दो अतिरिक्त महीने जाया होने का असर बजट के कामों पर पडऩा तय है। जानकारों के मुताबिक मनपा प्रशासन को नए वित्त वर्ष में आइकॉनिक प्रोजेक्ट्स पर ही फोकस करना होगा, जिससे उन्हें समय पर पूरा किया जा सके।
मेट्रो और तापी शुद्धिकरण अहम

मेट्रो प्रोजेक्ट लंबे समय तक फाइलों में बंद रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहमदाबाद में मेट्रो को हरी झंडी दिखाने के बाद सूरत मेट्रो के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट पर काम चुनावों के बाद ही शुरू हो पाएगा। इसके अलावा तापी शुद्धिकरण के तहत होने वाले काम भी अटक जाएंगे। मनपा अधिकारियों के मुताबिक इन पर भी चुनाव बाद ही काम शुरू होगा।

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