सूरत का डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेचर पार्क कई मायने में खास है। यह उन चुनीदा जू में शामिल है, जहां दक्षिण अफ्रीका के शुतुरमुर्ग समेत पक्षियों और अन्य पशुओं की विविधता देखने को मिलती है। यह देश का अकेला जू है, जहां ऊदबिलाव की सफल कैप्टिव ब्रीडिंग हो रही है। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए सेंट्रल जू ऑथोरिटी भी हैरान है। जिस तरह से सूरत में ऊदबिलावों की संख्या में इजाफा हो रहा है, यह देश के अन्य जू के लिए मॉडल हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो सूरत मनपा के खाते एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हो जाएगी। सूरत जू में जन्मे ऊदबिलाव
अहमदाबाद समेत देश के अन्य जू में अपने करतबों से लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। सूरत जू ने हैदराबाद, मैसूर और चंडीगढ़ जू को एक-एक जोड़ा ऊदबिलाव दिए हैं, जबकि अहमदाबाद में नर ऊदबिलाव दिया गया है।
वर्ष 2006 में जब बाढ़ आई थी, तीन ऊदबिलाव रेस्क्यू होकर सूरत आए थे। उन्हें जू में रखा गया था। उसके बाद इनकी संख्या १७ तक पहुंच गई थी। बाद में जब दूसरे जू प्रशासन ने रुचि दिखाई तो सूरत जू प्रशासन ने उन्हें ऊदबिलाव दिए।
वर्ष 2006 में जब बाढ़ आई थी, तीन ऊदबिलाव रेस्क्यू होकर सूरत आए थे। उन्हें जू में रखा गया था। उसके बाद इनकी संख्या १७ तक पहुंच गई थी। बाद में जब दूसरे जू प्रशासन ने रुचि दिखाई तो सूरत जू प्रशासन ने उन्हें ऊदबिलाव दिए।
चिंकारा और स्लोथ बीयर की भी ब्रीडिंग सूरज जू में ऊदबिलाव के साथ चिंकारा और स्लोथ बीयर की भी सफल ब्रीडिंग हो रही है। सूरत जू ने देश के अन्य जू को चिंकारा और स्लोथ बीयर भी दिए हैं। गुजरात के सबसे पुराने जू में से एक सूरत का नेचर पार्क करीब 81 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां शेर, बंगाली टाइगर और हिमालयी भालुओं की भी सफल ब्रीडिंग हो चुकी है।