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निषेधाज्ञा भंग के मामले में अशोक जीरावाला बरी

locationसूरतPublished: Sep 20, 2018 08:10:39 pm

2007 के चुनाव के दौरान किया था नरेन्द्र मोदी की रैली का विरोध

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निषेधाज्ञा भंग के मामले में अशोक जीरावाला बरी

सूरत. वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी रैली के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर दर्ज निषेधाज्ञा भंग के मामले में कांग्रेस पार्षद अशोक जीरावाला और भगीरथ पीठवली को कोर्ट ने निर्दोष करार देते हुए आरोपों से बरी कर दिया।

प्रकरण के अनुसार वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान वराछा में भाजपा की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी सभा का आयोजन किया गया था। कांग्रेस नेता अशोक जीरावाला, भगीरथ पीठवली और कार्यकर्ताओं ने सभा स्थल के पास पटाखे जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने अशोक जीरावाला और भगीरथ पीठवली के खिलाफ निषेधाज्ञा भंग को लेकर आइपीसी की धारा 143,188 और 336 के तहत मामला दर्ज किया था। चार्जशीट पेश होने के बाद 11 साल से मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के बाद दोनों अभियुक्तों को आरोपों से बरी कर दिया।

राजद्रोह मामले की सुनवाई टली


सूरत. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल के अस्वस्थ होने के कारण गुरुवार को सेशन कोर्ट में पेश नहीं हो पाने से राजद्रोह मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक टल गई।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल के खिलाफ अमरोली थाने में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। चार्जफ्रेम की कार्रवाई के बाद मामला सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में लंबित है। गुरुवार को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन हार्दिक के अधिवक्ता यशवंत वाला ने बताया कि अस्वस्थ होने के कारण हार्दिक कोर्ट में पेश नहीं हो पाए। न्यायाधीश के भी छुट्टी पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर का दिन तय किया है। गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल ने पुलिस के खिलाफ कथित भडक़ाऊ बयान दिया था। इसको लेकर पुलिस ने उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। इस मामले में हार्दिक समेत तीन जने अभियुक्त हैं।

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