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सूरत

भारत की डायमंड इंडस्ट्री पर अलरोसा इफेक्ट

– रूस पर प्रतिबंधों का असर : सूरत के हीरा उद्योग के चमक धुंधली पड़ने का डर…
– खासकर सूरत, मुंबई में करीब 30% आयात निर्यात प्रभावित
– चार से छह लाख लोगों के रोजगार पर मंडराता संकट
 

सूरतJun 06, 2023 / 01:13 pm

pradeep joshi

भारत की डायमंड इंडस्ट्री पर अलरोसा इफेक्ट

भारत की डायमंड इंडस्ट्री पर अलरोसा इफेक्ट

प्रदीप जोशी. सूरत. हाल ही में हुई जी-7 देशों की बैठक में रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने का तय किया। बैठक खत्म हो गई, लेकिन रूस की खदानों से आयात होने वाले डायमंड के ट्रेसिंग सिस्टम पर बात अटक गई। दरअसल, रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए जी-7 सदस्य देशों ने रूसी सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इनमें वहां की खदानों से निकलने वाले खास किस्म के अलरोसा हीरे भी हैं। दुनिया के कुल हीरों में लगभग 30 प्रतिशत रूस के अलरोसा होते हैं और दुनिया में 90 प्रतिशत हीरे कट, पॉलिश्ड होकर गुजरात व खासकर सूरत से जाते हैं। रफ हीरों को कलर, क्लेरिटी और तराशने के काम के बाद फिनिश्ड डायमंड सूरत, मुम्बई से ही G7 के सदस्य देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।
जानकारों और डायमंड संगठनों मुताबिक, रूस पर नए कड़े प्रतिबंध यदि सिस्टम में लाकर प्रायोगिक रूप से लागू हो जाते हैं तो भारत के डायमंड इंडस्ट्री में काम कर रहे करीब दो से चार लाख हीरा कारीगरों का रोजगार और भारत की डायमंड कंपनियों का व्यापार अधर में हो जायेगा। जी-20 बैठक से पहले व रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस के रफ अलरोसा हीरे पर लगाए गए प्रतिबंध असर भी दिखाई दे रहा है कि कच्चे अलगोजा हीरे की आपूर्ति कम हो जाने से सूरत सहित गुजरात के गांव-कस्बों में छोटे-मोटे कारखाने और घरों में हीरे घिसने का काम बहुत जगह बंद पड़ा है। सूरत के हीरा उद्योग में भी इन दिनों वेकेशन का माहौल है। आपूर्ति और डिमांड के चलते 100 से अधिक डायमंड कंपनियों का काम पहले ही ठप पड़ा है। ऐसे में रूस पर नए प्रतिबंधों के लागू होने से चुनौतियां और बढ़ेंगी। इन परिस्थितियों पीछे एक बड़ा कारण यूरोपीय देशों में कोरोना के बाद से डिमांड का बहुत कम हो जाना भी है।
0 ‘अलरोजा’ से संकट क्यों :
चाइना सहित विश्व को ज्वेलरी आदि बनाने के लिए रफ डायमंड की कटिंग- पॉलिश करके 90% हीरे सूरत से निर्यात किए जाते हैं। इसके लिए प्रतिमाह रूस के अलगोजा कंपनी से करीब 2,00,000 कैरेट रफ डायमंड इम्पोर्ट किए जाते थे। जो कुल इम्पोर्ट के 30 फीसदी और प्रति नग की दृष्टि से 60 फीसदी होते हैं। पतले व किफायती व्यापार में अधिक मार्जिन देने के कारण सूरत में अधिकांश मध्यम गुणवत्ता के कार्य के लिए रूस की अलरोजा कंपनी के हीरे ही उपयुक्त हैं। उनका कोई विकल्प नहीं है।
– ब्रिटेन ने भी रूसी हीरों के आयात पर बैन की घोषणा कर दी है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड ने अप्रैल 2022 में ही अलरोसा के साथ व्यापार पर बैन लगा दिया है।
– ट्रेसिंग के बाद न्यूयॉर्क, पेरिस, टोक्यो की सप्लाई भी बंद हो सकती है।
– महामारी के बाद ज्वेलरी के लिए चीन में भी सूरत के फिनिश्ड हीरों की डिमांड बहुत कम हो गई है।
0 ट्रेसिंग से कैसे होगी आपूर्ति में बाधा?
सूत्रों के मुताबिक, रूस पर पर तात्कालिक प्रतिबंधों के बाद भी घूम फिर कर अन्य सोर्स से कम मात्रा में ही सही, लेकिन अलरोसा डायमंड मिल रहा था। जिससे काम चल रहा था। प्रतिबंध लगाने वालों के सामने संकट यह था कि कैसे पता लगे कि विश्व में जो बिक रहा है वह प्रतिबंधित रूस के खदानों के ही हीरे हैं! इन्हें पहचानने के लिए कोई सिस्टम नहीं था। इसलिए काम चल रहा था। अब जापान में हुई जी-7 देशों की मीटिंग के बाद अधिकृत रूप से कहा गया कि ***** रूस म
की खदानों के हीरों को प्रतिबंधित करने के लिए ट्रेसिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
– जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन विपुल शाह ने पत्रिका को बताया कि अब रूसी हीरों की पहचान के लिए जी-7 देश ट्रेसिएबिलिटी टेक्निक अपना सकते हैं। इससे ट्रेस किया जा सकता है कि हीरा कहां से आया है। इससे
भारत के हीरा व्यापारी जी-7 देशों में रूसी हीरे नहीं बेच पाएंगे।
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बाधा का एक कारण यह भी :
रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से ही वर्ष 2022 में पश्चिमी देशों ने रूस को स्विफ्ट इंटरनेशनल पेमेंट नेटवर्क से बाहर कर दिया था। उसके बाद से सूरत सहित भारत में रूसी हीरों की आपूर्ति कम हो गई थी। अब 20 रूसी बैंकों ने रुपये में भुगतान के लिए भारत में वोस्ट्रो अकाउंट खुलवाए हैं, लेकिन वह भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और वैध तरीके से नगद भुगतान हो नहीं सकता।
भारत की अर्थव्यवस्था में हीरा उद्योग इसलिए महत्वपूर्ण :
– अप्रैल 2022 और फरवरी 2023 के बीच रत्न और आभूषणों का कुल सकल निर्यात 34.86 अरब डॉलर का रहा।
– 2021 में निर्यात किए गए कुल कट और पॉलिश्ड हीरे का लगभग 33 प्रतिशत निर्यात अकेले भारत ने किया है।
– स्विटजरलैंड के बाद अमेरिका को सबसे ज्यादा डायमंड और ज्वेलरी निर्यात की जाती है।
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