बनता गया आस्था का केंद्र
संत लक्ष्मीचंद बापु बाबा रामदेव की भक्ति में लीन रहते थे और बारडोली के निकट गंगाधरा रेलवे फाटक के पास वर्षों पहले अलखधाम की स्थापना की। बाबा रामदेव के प्रति प्रदेश के लोगों की श्रद्धा और बापु की भक्ति के वशीभूत अलखधाम धीरे-धीरे हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया और 22 वर्ष पहले श्रीशिवशक्ति रामदेव अलखधाम का नवीनीकरण किया गया। यहां प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल प्रतिपदा से भाद्रपद एकादशी तक श्रीरामदेव महाराज अमृत नकलंग महोत्सव संत लक्ष्मीचंद बापु के समाधि लेने के बाद श्रीलक्ष्मीचंद बापू नकलंक सेवा मंडल ट्रस्ट की प्रवीणा मैया, योगेश बापु की देखरेख में आयोजित किया जाता है।
कपड़ा बाजार से हजारों जातरु
कपड़ा बाजार के व्यापारियों का श्रीरामदेव पैदलयात्रा संघ, मोटी बेगमवाड़ी गत 22 वर्षों से श्रीरामदेव पैदल यात्रा का आयोजन कर रहा है। संघ के जगदीश कोठारी बताते हैं कि संघ की यात्रा में प्रतिवर्ष हजारों जातरु शामिल होते हैं और सूरत से पैदल अलखधाम पहुंचते है। यात्रा के दौरान लोकदेवता की झांकी, ज्योत और ध्वजा के साथ हजारों जातरु साथ चलते हैं। 26 किमी लम्बे मार्ग में जातरुओं की सेवा के लिए कई धार्मिक-सामाजिक संगठनों की ओर से स्टॉल लगाई जाती है। अलखधाम प्रांगण में यात्रा के पहुंचने पर दर्शन, महाप्रसादी के बाद रात में भजन संध्या होती है और इसमें प्रतिवर्ष राजस्थान-गुजरात के नामी-गिरामी कलाकार पहुंचकर भजन-नृत्य की प्रस्तुति देते हैं।
लगातार चलता है यात्रा का दौर अलखधाम प्रांगण में प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के दौरान आयोजित होने वाले ***** मेले में अनेक समाज व संगठन की ओर से यात्राओं का आयोजन सूरत समेत बारडोली, भरुच, अंकलेश्वर, नवसारी, महुवा, व्यारा, सोनगढ़ समेत दक्षिण गुजरात के शहर-कस्बों से किया जाता है। इसमें महाराष्ट्र के नवापुर व आसपास के गांव-कस्बे भी सैकड़ों जातरु मेले में अलखधाम पहुंचते है। शहर में जेबीआर सेवा समिति, श्री रामापीर सेवा समिति, श्रीबाबा रामदेव सेवा समिति व श्रीखोजीजी भक्त मित्र मंडल, श्रीरामदेव सेवा संघ, ऑल राजस्थान माली (सैनी) समाज, तेजा सेना समेत कई संघ व मंडल मेले के आयोजन में सक्रिय रहे और 131 फीट लम्बी पंचरंगी ध्वजा लेकर सूरत से अलखधाम पहुंचे।