दसवीं में फेल होने पर फैजान ने पढ़ाई छोड़ दी थी। उसने जूतों के शोरूम में नौकरी शुरू की। वह सुबह दस बजे जाता और रात दस बजे लौटता। वह किसी से अधिक बातचीत नहीं करता था। शुक्रवार रात पुलिस उसे उठा ले गई। सुबह उसका परिवार मकान पर ताला लगा कर कहीं चला गया।
जिलानी पार्क अपार्टमेंट के ठीक सामने रिवर व्यू अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर ८०१ में रहने वाले रशीद पठान, उसके भाई फरीद और फ्लैट नम्बर ३०३ निवासी अशफाक शेख के बारे में बताया जाता है कि इनके रंग-ढंग बदले हुए थे। कम्प्यूटर में डिप्लोमा कर चुका रशीद दुबई की किसी पाकिस्तानी कंपनी में नौकरी करता था।
वह दो महीने पहले दुबई से सूरत आया था, लेकिन यहां कोई कामकाज नहीं कर रहा था। अधिकतर समय वह अपार्टमेंट की पार्किंग में लडक़ों के साथ खेलता रहता था। उसने पुराने मित्रों से किनारा कर लिया था। फरीद, अशफाक और फैजान के साथ उसकी घनिष्ठता बढ़ गई थी। इन तीनों ने भी पुराने मित्रों से मेल-जोल कम कर दिया था।
मौलाना मोहसिन भी कथित तौर पर इनसे मिलने आता था। अशफाक के बारे में बताया जाता है कि वह अहमदाबाद का है तथा तीन साल पहले ही यहां रहने आया था। उसकी पत्नी सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। कमलेश हत्याकांड से एक-दो दिन पहले अशफाक अपना मकान बंद कर चला गया था।
पिता ने कहा- रशीद बेगुनाह
रशीद के अब्बा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि रशीद बेगुनाह है। उसे बेवजह फंसाया जा रहा है। रशीद यहीं था, वह कहीं नहीं गया था। शुक्रवार रात करीब १५ पुलिस वाले आए। तब भी मैं धार्मिक पुस्तक पढ़ रहा था। रशीद और सईद ने दरवाजा खोला तो वह बिना कुछ बताए उन्हें ले गए। उन्हें कहां ले जा रहे हैं और क्यों ले जा रहे हैं, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। शनिवार शाम उन्होंने सईद को छोड़ दिया। रशीद कहां है, हमें कुछ नहीं मालूम। सईद की अगले महीने शादी है। उसकी तैयारियां चल रही थीं।
रशीद के अब्बा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि रशीद बेगुनाह है। उसे बेवजह फंसाया जा रहा है। रशीद यहीं था, वह कहीं नहीं गया था। शुक्रवार रात करीब १५ पुलिस वाले आए। तब भी मैं धार्मिक पुस्तक पढ़ रहा था। रशीद और सईद ने दरवाजा खोला तो वह बिना कुछ बताए उन्हें ले गए। उन्हें कहां ले जा रहे हैं और क्यों ले जा रहे हैं, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। शनिवार शाम उन्होंने सईद को छोड़ दिया। रशीद कहां है, हमें कुछ नहीं मालूम। सईद की अगले महीने शादी है। उसकी तैयारियां चल रही थीं।