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तात्कालीन अपर कलक्टर को पुलिस ने रायपुर से किया गिरफ्तार, नौकरी लगाने के नाम पर कई बेरोजगारों से लिए थे लाखों रुपए

locationसुरजपुरPublished: May 27, 2019 09:19:32 pm

ठगी का शिकार हो चुके बेरोजगार युवक ने रुपए वापस मांगे तो दिए थे 2-2 लाख रुपए के चेक, दोनों हो गए थे बाउंस

Upper collector arrested

Arrested Upper Collector

सूरजपुर. नौकरी लगाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने के बाद भी बेरोजगारों को नौकरी न दिला पाने वाले तत्कालीन अपर कलक्टर को सोमवार को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2016-17 में जिला प्रशासन द्वारा यहां विभिन्न पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए थे।
इसमें बड़े पैमाने पर जिले भर के बेरोजगारों ने आवेदन किया था। इस दौरान यहां अपर कलक्टर के पद पर एमएल घृतलहरे पदस्थ थे और पदों के नियोक्ता अधिकारी भी उन्हें बनाया गया था। इसमें उन्होंने बड़ी संख्या में बेरोजगारों से नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम उगाही की थी।
कई लोगों का तो घृतलहरे ने बेड़ा पार कर दिया लेकिन पद से अधिक लोगों से वसूली के बाद वे लोगों को यह झांसा देते रहे कि शीघ्र ही अन्य पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिसमें उन्हें रख लिया जाएगा। लंबे समय तक आवेदक अपनी बारी व नए आवेदन आमंत्रित किए जाने का इंतजार करते रहे।
मगर ऐसा हो नहीं सका। इस बीच अपर कलक्टर घृतलहरे का तबादला भी हो गया। तबादले से सकते में आए रुपए देने वाले बेरोजगार उन पर राशि वापस करने का दबाव बनाने लगे और इधर-उधर शिकायतें भी कीं
परंतु शिकायतों पर तो कोई कार्रवाई हुई नहीं। अलबत्ता यह जरूर है कि अफसरों ने अपर कलक्टर पर राशि वापस देने का दबाव बनाया तो अपर कलेक्टर ने कई लोगों को चेक थमा दिया। लेकिन उक्त चेक बाउंस हो गया और बेरोजगार खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए थक हार कर पुलिस के शरण में जा पहुंचे।

6 माह बाद हुई गिरफ्तारी
रिपोर्ट के 6 माह बाद कोतवाली पुलिस ने सोमवार सेवानिवृत्ति के उपरांत रायपुर में रह रहे अपर कलक्टर एमएल घृतलहरे को निवास से उन्हें गिरफ्तार कर सूरजपुर लाया गया। जहां से उन्हें सोमवार को जेल भेज दिया गया है।

इस शिकायत पर हुई कार्रवाई
यूं तो ठगी के शिकार कई बेरोजगार हुए हैं जो अपने पैसों के लिए भटक रहे हैं लेकिन जिले के प्रतापपुर ब्लाक के ग्राम चांचीडांड़ के ओंकार पटेल ने यहां कोतवाली थाने में वर्ष 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि नौकरी दिलाने के नाम पर चार लाख रुपए लिया गया था।
नौकरी नहीं लगने पर 2-2 लाख रुपए के दो चेक दिए थे। लेकिन बैंक में पर्याप्त राशि न होने की वजह से दोनों चेक बाउंस हो गए। इस पर कोतवाली पुलिस ने अपर कलेक्टर एमएल घृतलहरे के विरुद्ध धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तहकीकात शुरू की थी और अब जाकर गिरफ्तारी की गई है।

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