कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया गया है कि पूर्व में उन्होंने आवेदन देकर पेंशन राशि दिलाए जाने की मांग की थी। इसके बाद जांच के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया था। जांच के दौरान ब्लॉक के अधिकारी उनके गांव पहुंचे थे और उनका पासबुक व आधारकार्ड जांच के लिए लिया गया था।
उसके बाद सचिव के द्वारा मुनादी कराकर हितग्राहियों को पासबुक थमाते हुए जानकारी दी गई कि उनके द्वारा एक-एक हजार व 12-12 सौ रुपए बैंक से आहरित कर लिया गया है और शेष एक माह का पेंशन बचा हुआ है। जबकि हितग्राहियों का कहना है कि उनके द्वारा कभी भी इतनी रकम बैंक से नहीं निकाली गई है।
कुछ हितग्राहियों ने साल में दो बार 7 सौ व 350 रुपए निकाले जाने की बात कही है। पेंशनधारियों का आरोप है कि सचिव के द्वारा 5 जनवरी को पुन: सभी का पासबुक यह कहकर ले लिया गया है कि उपर का आदेश है कि किसी को भी पासबुक न दिया जाए। जांच हेतु उक्त पासबुकों को भेजा जाना है।
पेंशनधारियों ने बताया है कि 90 प्रतिशत पेंशनधारी साक्षर नहीं हैं, जिसका फायदा उठाते हुए सरपंच-सचिव ब्लॉक एवं बैंककर्मियों के द्वारा उनके साथ छल किया जा रहा है। हितग्राहियों ने जांच कराकर पेंशन दिलाए जाने की मांग की है।