गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के जयंत कॉलरी के लीलाधर ठक्कर परिवार समेत बीते 20 जनवरी को रकसगण्डा स्थित जलप्रपात में परिवार समेत पिकनिक मनाने आए थे। इस दौरान लीलाधर ठक्कर की 8 वर्षीय पुत्री मानवी एक हादसे की शिकार हो गई और उसकी जलसमाधि हो गई।
पिछले 4 दिनों तक पुलिस-प्रशासन की मदद से स्थानीय गोताखोर बालिका का शव तलाशने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन सफलता न मिलने से पीडि़त परिवार बेहद हताश था। इस बीच एनडीआरएफ ओडिशा की टीम के संज्ञान में जब यह मामला आया तो फिर एनडीआरएफ की टीम शनिवार को यहां पहुंची है।
इस टीम ने नए सिरे से ऑपरेशन मानवी चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत रविवार को मौका-मुआयना के बाद पानी के बहाव को रोकने का उपक्रम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की टीम ने पहले दिन शव तलाशी के लिए प्रारंभिक प्रयास किए हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि जब तक पानी का बहाव पूरी तरह नहीं रूकेगा तब तक सफलता मिलना मुश्किल है।
70 प्रतिशत रोका पानी का बहाव
टीम के नेतृत्व में पानी के बहाव को रोकने के लिए रेत से भरी बोरियों के माध्यम से प्रयास किया गया है। करीब 70 प्रतिशत पानी का बहाव रोक दिया गया है। इसके लिए बड़ी संख्या में एनडीआरएफ टीम के साथ स्थानीय लोग भी सक्रिय रहे। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को इस टीम को सफलता मिल जाए।
इस टीम की अगुवाई एसडीओपी धु्रवेश जायसवाल कर रहे हैं। उनके साथ चांदनी थाना प्रभारी विकेश तिवारी सहित एनडीआरएफ के चंदन कुमार शाह, व्हीके अहिरवार, एसके पाती, एसके जैना, आरके दास, दीपक राणा, एके सिंह, एनके चंद्रवंशी, राहुल तिवारी, राजा चौधरी, पी प्रभाकर, एन हलदार, एके देहरी, व्हीके सूर्यवंशी, होशियार सिंह, एमके शर्मा सक्रिय हैं।