इस पर अस्पताल गए प्रदीप अवस्थी नामक युवक की नजर पड़ी तो उन्होंने आनन-फानन में पहले नवजात के चंगुल से शव मुक्त कराकर इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन व पुलिस प्रशासन को दी है। इस घटना पर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को जमकर खरी-खोटी सुनाई। जिस पर अस्पताल प्रबंधन को जवाब देते नहीं बन रहा था।
अवस्थी के हस्तक्षेप के बाद कुत्ते के चंगुल से छुड़ाए गए शव को मरच्यूरी में रखा गया है। जिसे पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले किया जाएगा। सूचना पर पुलिस अब लापरवाही की जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक जांच के पहले दौर में यह सामने आया है कि गुरूवार को गोविंदपुर व उमापुर की दो महिलाओं का बीमारी के कारण गर्भपात हो गया था। इसके बाद नवजात के शवों को परिजनों के हवाले कर दिया गया था। हो सकता है उन्होंने शव को झाडिय़ों में फेंक दिया होगा।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वास्तविक घटना क्या है। पुलिस के अनुसार अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताए गए ग्राम गोविंदपुर में जाकर संबंधित परिवार से तस्दीक की गई है, जिसमें परिवार ने यह स्वीकार किया है कि उसने अपने बच्चे का शव बाड़ी में दफनाया है। जबकि दूसरे मामले की तस्दीक अभी नहीं हो सकी है।
इधर अस्पताल प्रबंधन मामले में गोलमोल जवाब दे रहा है। जिससे संदेह यह भी उत्पन्न हो रहा है कि कहीं यह अवैध गर्भपात का मामला तो नहीं है? वैसे सूत्र यहां के एक महिला चिकित्सक पर इस तरह का संदेह व्यक्त करते रहे हैं। दूसरी ओर प्रदीप अवस्थी ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर समूचे मामले की जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।