वर्ष 2015 में हुई थी घटना
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर 14 अक्टूबर 2015 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी ने शहर स्थित कालेज में पढ़ने गयी अपनी नाबालिग पुत्री को बहलाकर भगा ले जाने एवं उससे दुष्कर्म के आरोप में आरोपी अजय गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में अजय गुप्ता करीब तीन वर्षों से जेल में है। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चल रहा है। हाईकोर्ट ने बीते छह दिसम्बर को मामले का निस्तारण छह माह में करने के लिए सेशन कोर्ट को निर्देशित किया है। जिसके मद्देनजर स्पेशल जज आरपी सिंह ने अभियोजन पक्ष के गवाह को तलब किया था, लेकिन अभियोजन पक्ष की लापरवाही के चलते गवाह का सम्मन कई पेशियों बाद भी तामील ही नहीं हो सका और न ही कोई गवाह ही पेश किया गया।
अदालत ने अपनाया कड़ा रुख
अदालत के कड़े रुख को देखकर अभियोजन पक्ष ने साक्ष्य के लिए अवसर की मांग की, लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल जज ने अभियोजन की अर्जी को पांच सौ रूपये के अर्थदंड पर अंतिम अवसर की चेतावनी के साथ स्वीकार किया है। अदालत ने आगामी सात मार्च की तिथि तक गवाह को पेश किये जाने के संबंध में डीएम और एसपी को पत्र भेजा है। इसके अलावा नियत तिथि पर लगाये गये अर्थदंड को जमा करने एवं संबंधित अपर जिला शासकीय अधिवक्ता के खिलाफ उचित कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया है।