कॉमर्शियल कनेक्शन का हर महीने का रिकॉर्ड विभाग को रीड करना होता है, जहां अधिकारी और कर्मचारी फीडिंग पर बाकायदा बिल देते हैं, लेकिन खेल में शामिल घोटालेबाज मीटर को दो चार महीना चलाने के बाद उसको जला या फुंका बता उसे बदल देते हैं। इसके बाद उसमें फीड डाटा को चोरी कर लिया जाता है और फिर इस बिल को अधिकारी सेटिंग कर उपभोक्ता से रकम तय कर सौदा कर लेते हैं। इससे उपभोक्ता को फायदा होता है और अधिकारियों की भी मौज हो जाती है। इस तरीके से जिले में खेल कर बिजली विभाग के करोड़ों रुपये डकार लिये गये।
मामला उजागर होने के बाद शासन स्तर से मामले की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है। खुद वाणिज्य निदेशक ने सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को टीम गठित कर मीटर घोटाले को उजागर कर दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। आशंका है हर मीटर पर करीब एक लाख रुपए से ज्यादा का खेल हुआ है। खुलासा हुआ हो तो पांचों जोन में अरबों रुपये का घोटाला सामने आएगा, जो बिजली विभाग में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है।
अयोध्या मण्डल के अधीक्षण अभियंता असलम हुसैन ने कहा कि मीटर घोटाले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है। जांच रिपोर्ट के बाद तुरंत ही घोटालेबाजों पर एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।