28 नवम्बर 2017 की रात मोतीगरपुर के डोमनपुर के रहने वाले पवन सिंह पुत्र मनोराज सिंह के लिये वह काली रात निकली जिसने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया। वह खूबसूरत चेहरा शायद अब उसके जिंदगी में दोबारा नहीं आ पायेगा जिसको एक लड़की ने तेजाब फेंक कर बर्बाद कर दिया। बताया जाता है कि 28 नवम्बर 2017 को पवन सिंह अपने घर पर सो रहा था कि रात के लगभग 3 बजे गांव कि लड़की ललिता वर्मा पुत्री जियालाल वर्मा ने सोये हुए पवन सिंह के ऊपर तेजाब डाल दिया चेहरा और शरीर पर पड़े तेजाब से पवन की चीख इतनी भयानक निकली की घर के लोग उठ कर पवन की तरफ दौड़ पड़े तब तक ललिता भाग चुकी थी। शरीर पर पड़े तेजाब से पवन का चेहरा पूरी तरह झुलस चुका था । पवन की हालत देखकर पहले परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया । जिला चिकित्सालय पहुंचने पर पवन की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया था । कई दिनों तक ट्रामा सेंटर में पवन अपनी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। इलाज से फायदा न होने पर परिजन उन्हें चंडीगढ़ ले गए। सात माह तक पवन का इलाज होने के बाद वह अपने आप को ठीक महसूस कर रहा है ।
परिजनों ने दी थी तहरीर जानकारी के मुताबिक पवन सिंह के परिजनों ने तत्काल सम्बंधित थाने में तहरीर नहीं दिया था । पवन सिंह के स्वास्थ्य में जब थोड़ा सुधार हुआ तो परिजनों ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत करा दिया ।लेकिन गिरफ्तारी होने में देरी हो रही थी ,तब परिजनों ने न्यायालय की शरण ली । न्यायालय ने अभियुक्त की जल्द गिरफ्तारी के साथ कुर्की का आदेश दे दिया । न्यायालय द्वारा कुर्की का आदेश देने के बाद पुलिस आदेश को अभियुक्त के घर चस्पा करने गई तो अभियुक्त ललिता पुलिस की गिरफ्त में आ गई और मोतिगरपुर पुलिस ने अभियुक्त ललिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इलाज के लिये मदद की गुहार
अपने ऊपर हुए एसिड अटैक से झुलसे पवन सिंह ने चेहरे की सर्जरी के लिये सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायक से मिलकर आर्थिक सहायता के लिये फरियाद की है। अब इंतजार है मुख्यमंत्री कोष से पवन सिंह को सहायता मिलने की।