अखण्डनगर थाना क्षेत्र के राहुल नगर चौराहे पर मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद के चलते प्रशासन काफी सतर्क रहा । माकपा नेता सुभाषिनी अली के आने के कार्यक्रम के चलते जगह जगह पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए थे । सुरक्षा व्यवस्था इस कदर थी कि मेला वाले स्थल पर भी किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। गिरफ्तारी के कारण माकपा नेता सुभाषिनी अली वहां तक नहीं पहुंच पाई। उल्लेखनीय है कि 11 सितम्बर 2004 को कम्युनिस्ट राधेश्याम यादव और संजय यादव की यही हत्या कर दी गई थी । उनकी पहली पुण्यतिथि पर 2005 में कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुलनगर चौराहे पर मूर्ति स्थापित कर दी थी । उन्हें शहीद का दर्जा देते हुए उनकी स्मृति में मेले का आयोजन किया।
यह सिलसिला 2016 तक चलता रहा। इसी बीच 2017 में सिंटू तिवारी की हत्या हो गई। इस हत्या के विरोध में भीड़ ने दोनों प्रतिमाओं को तोड़ दिया । 1981 से चला आ रहा यह खूनी संघर्ष यहीं नहीं थमा । एक माह के अंदर गौरव सिंह की हत्या हो गई । मंगलवार को दोनों मौसेरे भाइयों राधेश्याम यादव और संजय यादव की प्रतिमा लगाने के लिए माकपा के कार्यकर्ताओं ने शहीद मेला लगवाने का एेलान किया। फिर कोई अनहोनी न हो इसके लिए प्रशासन पूरा चौंकना हो गया था ।
माकपा नेता सुभाषिनी अली ने कहा कि प्रशासन को विश्वास में लेकर बहुत जल्दी ही दोनों नेताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी ।संगमरमर की प्रतिमा बनकर तैयार है । उन्होंने कहा कि मेले की अनुमति देकर प्रशासन ने मेला नहीं लगने दिया । सुभाषिनी अली ने कहा कि सुल्तानपुर पुलिस कही मेरा ही न इनकाउंटर करा दे ।