पहला मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के सुदनापुर गांव से जुड़ा है। यहां के रहने वाले श्रीराम के खिलाफ अभियोगिनी कलपा ने उसके सहयोगियों की मदद से फर्जीवाड़ा कर बैनामा कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में श्रीराम को गवाही के रूप में आरोपी बनाया गया है, जिसकी तरफ से एडीजे षष्ठम की अदालत में जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। इस पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत पर विरोध जताया। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता रणजीत सिंह ने आरोपों को निराधार बताते हुए जमानत स्वीकार करने की मांग की। तत्पश्चात न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी ने बचाव पक्ष के तर्कों से सहमत होते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
दूसरा मामला मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के मुइली गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अमित कुमार व दिलीप कुमार उर्फ दीपू के खिलाफ अभियोगिनी ने अपनी बहू रेनू शुक्ला से बैंक से रूपये निकालकर घर आते समय लूट के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में आरोपियों की तरफ से अपर जिला जज नौ की अदालत में जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। इस पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने जमानत पर विरोध जताया। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने पुलिस की कहानी को मनगढ़त एवं निराधार बताते हुए जमानत की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश अनिल कुमार यादव ने आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली।
तीसरा मामला मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के पूरे जोरई मजरे आैरंगाबाद से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अरमान अली के खिलाफ गोवध के आरोप में मुकदमा दर्ज है। इसी मामले में अरमान अली की तरफ से प्रस्तुत अंतरिम जमानत अर्जी को प्रभारी जिला न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है।