हमले में आयी चोटों की वजह से विवेक की मौके पर ही मौत हो गयी। बीच-बचाव में आये पवन को भी काफी चोंटे आईं। इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्यवाही की गयी। तफ्तीश पूरी कर मामले के विवेचक ने सभी लोगों के खिलाफ गैंगस्टर कोर्ट फैजाबाद में आरोप पत्र दाखिल किया। जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया और आरोपियों के खिलाफ विचारण की प्रक्रिया शुरू हुई। बाद में मामला सुल्तानपुर जिलें में गैंगस्टर कोर्ट गठित होने पर सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया गया।
विदित हो कि 19 जनवरी 2010 को आरोपी परितोष उर्फ राहुल के किशोर होने के चलते उसकी पत्रावली विचारण के लिए किशोर न्यायालय के सुपुर्द कर दी गयी। जिसका विचारण वहीं पर चल रहा है। शेष आरोपियों के खिलाफ स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट की अदालत में विचारण चला। विचारण के दौरान आरोपी अवध नरायन व लल्लन उर्फ लालजी की मृत्यु हो चुकी है। शेष छह आरोपियों के ट्रायल के दौरान विशेष अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) विजय कुमार सरोज व अभियोगी के निजी अधिवक्ता सन्तराम वर्मा ने 10 गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को पेश किया। वहीं बचाव पक्ष ने 5 गवाहों एवं अन्य तर्कों को अदालत के समक्ष रखा।
उभयपक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट उदयभान सिंह ने छहों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास एवं 69 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने गैंगस्टर के आरोपी में सभी आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया है। उधर उसी समय की ही घटना बताते हुए लल्लन उर्फ लालजी ने बाग की जमीन में बने गड्ढे में मिट्टी डलवाने को लेकर हुए विवाद की बात कहते हुए अगले पक्ष के भानुप्रकाश वर्मा उसके बेटे विपिन कुमार, सहआरोपी रामरूप, पवन कुमार, दिनेश कुमार के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर प्राण घातक हमले सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।
फिलहाल विवेचक ने इस मुकदमें को गलत ठहराते हुए आरोपियों के खिलाफ फाइनल रिपोर्ट भेज दी। अभियोगी ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को चुनौती देते हुए प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दिया। जिसके क्रम में अदालत ने भानुप्रकाश वर्मा समेत अन्य को प्राण घातक हमले व घर में घुसकर हुई मार-पीट के अलावा मामूली धाराओं में विचारण के लिए तलब किया। इस मुकदमें की पत्रावली भी गैंगस्टर कोर्ट के सुपुर्द कर दी गयी। मालूम हो कि विचारण के दौरान आरोपी रामरूप की मृत्यु हो चुकी है । शेष के खिलाफ चल रहे विचारण की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात स्पेशल जज ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।