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अकेले सुलतानपुर जिले में ही 1015 केस पेंडिंग, ज्यादार महिला अपराध के मामले, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

locationसुल्तानपुरPublished: Sep 18, 2018 01:53:00 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेश के सभी थानों में दर्ज तीन महीने से अधिक लंबित मामलों के ऑडिट कराने का दिया आदेश…

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अकेले सुलतानपुर जिले में ही 1015 केस पेंडिंग, ज्यादार महिला अपराध के मामले, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

सुलतानपुर. जनपद के विभिन्न थानों में 1015 ऐसे मामले लंबित हैं, जिनकी अभी तक पुलिस विवेचना ही नहीं कर सकी है। इनमें से ज्यादातर मामले महिला अपराधों और फौजदारी के हैं। कई मामले तो ऐसे हैं, जिनमें 11 साल बाद भी पुलिस की जांच किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है। लिहाजा, पीड़ित इंसाफ की आस में वर्षों तक भटकते रहते हैं। बीते दिनों हाईकोर्ट ने एक मामले में 90 दिन के अंदर विवेचना पूरी नहीं कर पाने पर यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जिले के सभी थानों में ऐसे लंबित मामलों के ऑडिट का निर्देश दिया है। यह हाल तब है जब पुलिस अफसर हर महीने कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेश के सभी थानों में दर्ज तीन महीने से अधिक लंबित मामलों के ऑडिट कराने का फरमान जारी किया है।
पिछले 11 वर्षों से पीड़ित एक महिला ने जिले के अफसरों से न्याय की गुहार लगाई थी। कहीं से न्याय नहीं मिला तो उसने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यूपी पुलिस को जमकर फटकार लगाई और इस तरह के सारे मामलों के ऑडिट कराने का आदेश दिया।
किस थाने में कितने केस पेंडिंग
लंबित मामलों में से 82 केस 90 दिन से ज्यादा समय से लंबित हैं। दीपक तले अंधेरा वाली कहावत यहां भी चरितार्थ हो रही है। यहां एसपी, सीओ के नाक के नीचे ही सर्वाधिक 228 विवेचना कोतवाली नगर में लंबित हैं। लम्भुआ कोतवाली में 127, कुड़वार थाने में 76, जयसिंहपुर कोतवाली में 66, कादीपुर कोतवाली में 65, गोसाईंगंज थाने में 63, चांदा थाने में 62, कोतवाली देहात में 57, कूरेभार थाने में 57, बल्दीराय थाने में 38, मोतिगरपुर थाने में 38, दोस्तपुर थाने में 32, धम्मौर थाने में 31, हलियापुर थाने में 29, करौंदीकला थाने में 18, अखंडनगर थाने में 14 व महिला थाने में 14 मामलों की विवेचना लंबित है।
केस 1
कूरेभार थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग छात्रा का 20 मार्च 2007 को कॉलेज के ही बस चालक व उसके भाई ने अपहरण कर लिया था। उसे बंधक बनाकर आठ माह तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के पिता ने कुड़वार थानाक्षेत्र के कमालपुर निवासी बस चालक जाकिर हुसैन, चांद, अझुई निवासी गुड्डू व बल्दीराय थानाक्षेत्र के नियावां निवासी आजाद समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 6 नवंबर 2007 को आजाद के घर से छात्रा बरामद हुई। 16 जनवरी को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। जिसमें चांद व गुड्डू की तलाश जारी होने की बात कही गई। लेकिन करीब 11 साल बीत गए, पुलिस की तलाश पूरी नहीं हो सकी है।
केस 2
चर्चित जैसराज हत्याकांड में पुलिस की विवेचना एक साल बाद भी बेनतीजा है। लोनिवि में कार्यरत जैसराज की गत वर्ष 30 मई 2017 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव कोतवाली नगर क्षेत्र के पांचोंपीरन में गोमती नदी के किनारे पड़ा मिला था। तत्कालीन एसपी ने इस हत्याकांड का खुलासा जल्द करने का एलान किया था, लेकिन एक साल बाद भी नतीजा सिफर ही है। परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
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पुलिस अधीक्षक का बयान
इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने कहा कि जिले भर के थानों पर इस स्तर पर विवेचनाएं लंबित रहना ठीक बात नहीं है। सभी सीओ और थाना प्रभारियों को बहुत जल्द विवेचनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारित करने का निर्देश दिये गये हैं। डीजीपी उत्तर प्रदेश ने सूबे के सभी थानों को निर्देश दिया है कि तीन महीने से अधिक लंबित मामलों का तत्काल ऑडिट किया जाये।
वीडियो में देखें- क्या बोले सुलतानपुर के एसपी अनुराग वत्स…

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