धुरागांव के किसान चमरू ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अधिग्रहित जमीन वापस करने से प्रभावित किसानों को बार बार जिला मुख्यालय जगदलपुर पेशी में जाने से मुक्ति मिलेगी। इससे उनके सहित किसानों को शारीरिक और मानसिक परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी। घनश्याम सिंह ठाकुर ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद उन्होंने मुआवजा नही लिया था। मुआवजा लेने के लिए उन पर दबाव डाला जाता था। वे पिछले 10 सालों से इसी दबाव में जीवन जी रहे थे। अब हम सभी बिना किसी दबाव के अपना जीवन यापन कर सकेंगे।
धुरागांव के अनंतराम कश्यप ने कहा कि उनकी 6 एकड़ जमीन के अधिग्रहण से पूरा परिवार परेशान था। उनके पिता गंगूराम कश्यप परेशानी से धीरे.धीरे बीमार रहने लगे और दो साल बाद उनका देहांत हो गया। वे और उनका छोटा भाई खेतीहर मजदूर बनकर जीवन यापन कर रहे थे अब वे फिर से अपनी जमीन के मालिक बन गए है।