राज्य सरकार हर साल मलेरिया से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी कर लोगों को अलर्ट भी करती है लेकिन धरातल पर मच्छरों से अब तक निजात नहीं मिल पाई है। करीब तीन दशक पहले जिला मुख्यालय पर मलेरिया नियंत्रण की टीम भी गठित थी लेकिन धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया।
अब सीएमएचओ ऑफिस में एक मात्र बाबू रहा है, उसे भी सांख्यिकी अधिकारी के तौर पर सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों से सूचना के लिए रखा गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गतिविधियों को धरातल पर उतारने के लिए एएनएम या आशा सहयोगिनों का सहारा लिया जारहा है।
मादा एनाफिलीज मच्छर से होता है मलेरिया
मलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। मलेरिया एक प्रकार के परजीवी से होने वाली बीमारी है, ये संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर से होता है। हर साल लाखों लोगों की मलेरिया के कारण मौत हो जाती है। दुनियाभर में मलेरिया को नियंत्रित करने और बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रेल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है
जिला चिकित्सालय में भी बढ़े रोगी
राजकीय जिला चिकित्सालय के पीएमओ डॉ.दीपक मोंगा ने बताया कि मलेरिया रोग पहले ज्यादा भयानक माना जाता था लेकिन अब कोरोना और डेंगू जैसे रोग आ चुके हैं। जिला चिकित्सालय में मलेरिया की जांच हर साल औसतन पांच हजार रहती है। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2022 से लेकर 31 दिसम्बर 2022 तक मलेरिया के संभावित रोगियों की 4634 ब्लड जांच हुई, इसमें दस रोगी मलेरिया पॉजीटिव पाए गए। वहीं 1 जनवरी 23 से लेकर 31 दिसम्बर 23 तक 5954 ब्लड जांच हुई तो इसमें 49 रोगियों में मलेरिया के लक्षण पाए गए। इस साल एक जनवरी से लेकर 31 मार्च तक 1261 रोगियों की ब्लड जांच की जा चुकी है, इसमें से 16 रोगी मलेरिया पॉजिटिव आए हैं।
ऐसे करें मलेरिया का बचाव
राजकीय जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ.देवकांत शर्मा का कहना था कि यदि आप ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मलेरिया के मामले अधिक हैं तो मच्छरों के काटने से बचने के उपाय बहुत जरूरी है। मलेरिया के मच्छर सुबह और शाम अधिक सक्रिय होते हैं। मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए पूरी बाजू वाली शर्ट और शरीर को अच्छे से ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी के उपयोग को सबसे कारगर तरीका माना जाता है।
ऐसे होते हैं मलेरिया के लक्षण
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. कर्ण आर्य का कहना है कि मलेरिया के संकेत और लक्षण आमतौर पर फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं। इसमें रोगी को बुखार-पसीना आने, ठंड लगने, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द, थकान, सांस लेने में दिक्कत और उल्टी आदि की दिक्कत हो सकती है। जैसे-जैसे मलेरिया बढ़ता जाता है, यह एनीमिया और पीलिया का कारण भी बन सकती है। मलेरिया के सबसे गंभीर स्थिति में मरीज कोमा में भी जा सकता है। पूरे जिले में इतने आए रोगी
वर्ष-रोगी
- 2020-03
- 2021-03
- 2022-14
- 2023-48
- 2024-अब तक 11(जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के रेकार्ड के अनुुसार)