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सीमावर्ती गांवों के जवानों में जोश, बोले सेना के साथ मिलकर चटा देंगे पाक को धूल

locationश्री गंगानगरPublished: Feb 18, 2019 12:30:43 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

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Polwama

सीमावर्ती गांवों के जवानों में जोश, बोले सेना के साथ मिलकर चटा देंगे पाक को धूल

अनूूपगढ़.

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले के बाद पूरे देश की तरह भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों में भी पाकिस्तान के प्रति जबरदस्त रोष है,वहीं जवानों के परिवार के लिए लोगों के दिलों में संवदेनाएं है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार कठोर फैसला ले, ग्रामीण जवानों के साथ मिलकर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होने कहा कि पाक की कायराना हरकत के बाद अब समय आ गया है कि आंतकवाद का सफाया होना चाहिए। हालांकि भारत-पाक सीमा से मात्र 2.5 किमी दूर बसे गांव 27 ए में जनजीवन सामान्य दिनों की तरह ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि गांव कि चौपाल पर फसल, पानी हंसी मजाक की जगह पुलवामा हमले पर चर्चा हो रही है। सीमा से महज 1600 मीटर दूर गांव 32 ए में भी माहौल सामान्य है लेकिन पुलवामा हमले के खिलाफ रोष स्पष्ट नजर आ रहा है। सीमा सुरक्षा बल के जवान पूरी तरह से मुस्तैद है। जवानों की आंखों में दुश्मन के लिए गुस्सा साफ नजर आ रहा है।
लोगों ने अनुभव बताते हुए कहा कि संसद पर हमले के समय सेना ने माइंस बिछा दिए गए थे और ऐसा लगता था कि युद्ध कभी भी छिड़ सकता है, उस समय भी गांव के युवाओं के साथ बुजुर्ग भी सेना के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सीमा पर तैनात होने को तैयार थे।
उन्होने बताया कि करगिल, उरी सेक्टर में हुए आंतकी हमले तथा अन्य आंतकी हमलों के बाद कई बार स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है लेकिन उन्हे बिल्कुल भय नही लगता है अगर मौका मिला तो दुश्मन को धूल चटाने के लिए जवानों के साथ तैयार खडे रहेगे।
एक बुजुर्ग का कहना था कि पुलवामा हमला कायराना हरकत है। हमें खुलकर इसका जवाब देना चाहिए। जवान और किसान मिलकर एक बार फिर पाकिस्तान को धूल चटाने को तैयार है। महिलाओं ने कहा कि शहीद हुए जवानों की कमी को पूरा नही किया जा सकता है लेकिन शहीदों के परिवारों को सभी तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए।

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