ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि गगन स्टील के मालिक हरजिन्द्र सिंह पुत्र कृपाल सिंह ने ४ जून २०१२ को एसीबी में परिवाद दिया था कि उसने दस हॉर्सपावर का विद्युत कनेक्शन जोधपुर डिस्कॉम के सहायक अभियंता (शहर द्वितीय) से लेकर रखा है। उसने दस से १५ हॉर्सपावर लोड बढ़ाने को पत्रावली पेश की। फीस जमा कराने के बाद ३० दिन में लोड बढ़ाने का आश्वासन दिया गया।
भगतसिंह चौक पर कार्यरत कनिष्ठ अभियंता योगेश वर्मा ने लोड बढ़ाने को पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी। शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई की। इस प्रकरण में सुनवाई के बाद शनिवार को न्यायाधीश ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी कनिष्ठ अभियंता वर्मा को दो साल की सजा व दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कनिष्ठ अभियंता को रिश्वत मांगने के मामले में इससे पहले भी सजा हो चुकी है।