scriptश्रीगंगानगर के इस शिव मंदिर में अब नहीं होती पूजा | This Shiva temple in Sriganganagar is no longer worshiped | Patrika News

श्रीगंगानगर के इस शिव मंदिर में अब नहीं होती पूजा

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 22, 2019 12:20:28 am

Submitted by:

surender ojha

Shiva temple> इस मंदिर में चालीस साल पुराना शिवलिंग है। सावन मास शुरू हो चुका है लेकिन इस मंदिर में पूजा अर्चना नहीं हो पाई है

Shiva temple

श्रीगंगानगर के इस शिव मंदिर में अब नहीं होती पूजा

श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar ) हिन्दू धर्म में भगवान शिव ( Shiva

) को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। हालांकि कई लोग अपने ईष्ट देव को सर्वोपरी मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भोले नाथ को प्रसन्न करना बहुत आसान है। ऐसी भी मान्यता है कि सावन के महीने में महादेव की पूजा-अर्चना (worshiped ) का अधिक फल मिलता है। लेकिन सिविल लाइंस में सार्वजनिक निर्माण विभाग के पुराने गोदाम में शिव मंदिर ( Shiva temple) की अनदेखी हो रही है।
इस मंदिर में चालीस साल पुराना शिवलिंग है। सावन मास शुरू हो चुका है लेकिन इस मंदिर में पूजा अर्चना नहीं हो पाई है। सिविल लाइंस स्थित पीडब्ल्यूडी के इस पुराने गैराज की दीवारी गिरी तब आसपास के लोग मंदिर ( temple) परिसर तक पहुंच गए। हालांकि पीडब्ल्यूडी ने इस मंदिर को श्रद्धालूओं को खोलने से इंकार कर दिया है।
हालांकि दो साल पहले आसपास के लोग इस मंदिर में सावन मास में शिवलिंग पर रूद्राभिषेक के लिए एकत्र हो गए। एक माह तक पूजा अर्चना के बाद पीडब्ल्यूडी ने फिर से मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। तब मैकेनिकों ने कराया था निर्माण इस मंदिर का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग के वाहन चालकों और मैकेनिकों ने उस समय कराया जब विभाग के पास नब्बे के दशक में कई वाहन थे और उनकी मरम्मत के लिए इस इलाके में वर्कशॉप भी बनी हुई थी।
तब कार्मिकों ने अपने बलबूते पर वहां विश्वकर्मा और शिव भोले का मंदिर बना दिया था। चालीस साल पुराने इस मंदिर में शिवलिंग श्रद्धालूओं को अपनी ओर आकर्षित करने वाला है लेकिन वर्कशॉप बंद होते ही यह मंदिर भी चारदीवारी में बंद हो गया।
पीडब्ल्यूडी के अफसर इस मंदिर से सटे पुराने गैराज की दीवारी का जीर्णोद्धार करवा रहे थे तब पुरानी आबादी की सीता स्वामी और उसकी बेटी अंजू दोनों इस परिसर में पहुंच गई। इन दोनों ने धोक लगाई और शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। इन दोनों का दावा था कि इस शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है, उनकी बरसों से एक मनोकामना पूरी भी हुई है। मंदिर परिसर में पुराना धूणा और रुद्राक्ष का एक पेड़ भी है। बताया जाता है कि इस मंदिर परिसर में नाग और नागिन का जोड़ा भी रहता है लेकिन देखा अभी तक किसी ने नहीं है।
इस बीच पीडब्ल्यूडी ( PWD) के एसई सुशील बिश्नोई का कहना है कि जांच के बाद लिया जाएगा उचित निर्णय यह सही है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग का काफी समय पहले गैराज सिविल लाइंस में था। तब मैकेनिकों ने अपनी आस्था के अनुरुप मंदिर का निर्माण कराया था, अब सावन में इस मंदिर को फिर से खोलने या नहीं खोलने से पहले इसकी बकायदा जांच करवाई जाएगी कि यह मंदिर किस हालात में है। इसके उपरांत ही यह निर्णय लिया जाएगा कि मंदिर खोला जाएं या नहीं। अब तक किसी ने इस संबंध में लिखित शिकायत नहीं दी है।
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