scriptहथियारों के शगल को बढ़ा रहा पंजाबी गीतों का तडक़ा | The temper of Punjabi songs is increasing the pastime of weapons | Patrika News
श्री गंगानगर

हथियारों के शगल को बढ़ा रहा पंजाबी गीतों का तडक़ा

पडो़सी प्रदेश पंजाब का असर न केवल श्रीगंगागर जिले की संस्कृति पर हैं बल्कि उससे कहीं ज्यादा अपराध, नशा एवं तस्करी में भी दिखाई देता है। पंजाब की तर्ज पर ही यहां हथियारों रखने का शगल भी बढ़ा है। रही -सही कसर हथियारों पर लिखे गए पंजाबी गीत युवाओं को हथियारों की ओर आकर्षित कर रहे हैं। डीजे पर ब्याह शादियों में हथियारों पर लिखे गीत जब बजते हैं तो युवा उन पर हथियार लेकर झुमने से गुरेज नहीं करते। हर साल बरामद होने वाले अवैध हथियारों के आंकड़े भी यह साबित करते हैं जिले में हथियारों से प्रेम करने वाले क

श्री गंगानगरMar 09, 2022 / 03:26 am

महेंद्रसिंह शेखावत

हथियारों के शगल को बढ़ा रहा पंजाबी गीतों का तडक़ा

हथियारों के शगल को बढ़ा रहा पंजाबी गीतों का तडक़ा

शादी-समारोह में हथियारों के साथ नाचने का प्रचलन
महेन्द्र सिंह शेखावत. रवि शर्मा. श्रीगंगानगर/ जैतसर.
पडो़सी प्रदेश पंजाब का असर न केवल श्रीगंगागर जिले की संस्कृति पर हैं बल्कि उससे कहीं ज्यादा अपराध, नशा एवं तस्करी में भी दिखाई देता है।
पंजाब की तर्ज पर ही यहां हथियारों रखने का शगल भी बढ़ा है। रही -सही कसर हथियारों पर लिखे गए पंजाबी गीत युवाओं को हथियारों की ओर आकर्षित कर रहे हैं। डीजे पर ब्याह शादियों में हथियारों पर लिखे गीत जब बजते हैं तो युवा उन पर हथियार लेकर झुमने से गुरेज नहीं करते। हर साल बरामद होने वाले अवैध हथियारों के आंकड़े भी यह साबित करते हैं जिले में हथियारों से प्रेम करने वाले काफी हैं। जानकारों की नजर में इस तरह के गाने युवाओं पर खासा असर डालते हैं। पंजाबी संस्कृति के जानकार जसविन्द्र सिंह बराड़ कहते हैं कि पंजाबी संस्कृति सौम्य संस्कृति है परंतु सभ्याचार के नाम पर इस तरह के गीतों ने युवाओं को बिगाडऩे एवं अपराध के दलदल में ले जाने का काम किया है। सेंसर बोर्ड एवं राज्य सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए। विदित रहे कि श्रीगंगानगर जिले में लाइसेसी हथियार 12 सौ से अधिक हैं।
हथियारों पर हैं बहुत से गाने पंजाबी लोक गायकों के लिए हथियार पसंदीदा विषय है। गायक बब्बू मान का गाना है, चकलो रिवॉल्वर अपणा भी कब्जा लैणा है। मान का, मितरां नूं शौक हथियारां दा भी है। दलजीत दोसांझ का. जित्थे हुंदी है पाबंदी हथियारां दी जट्ट ओथे फायर करदा जैसे गीत शादी ब्याह में डीजे पर सुनका युवक इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वे हथियारों को साथ नाचते हैं। इसी तरह गिप्पी ग्रेवाल का गीत.. जट मोडे लमकाके रखदे 12 बोर दी। गायक दीप सिंह ने तो अपने एलबम का टाइटल ही ‘दोनाली जहे यार’ रख दिया। दीप संधू ने एलबम का टाइटल ‘दोनाली जट्ट दी’ तो प्रदीप सरां ने ‘दादे दी दोनाली’ ने भी कुछ ऐसा ही नाम रखा है।
आम्र्स एक्टर में दर्ज मुकदमों की बानगी
वर्ष दर्ज प्रकरण गिरफ्तारी बरामदगी का विवरण
2019 130 146 73 फायर आम्र्स, 101 कारतूस, 51 अन्य धारदार हथियार
2020 114 137 94 फायर आम्र्स, 90 कारतूस, 28 अन्य धारदार हथियार
2021 130 144 96 फायर आम्र्स, 88 कारतूस, 30 अन्य धारदार हथियार
2022 छह मार्च तक 32 34 34 फायर आम्र्स, 25 कारतूस, 5 अन्य धारदार हथियार
इनका कहना है
लोकगीतों का युवाओं पर बेहद प्रभाव पड़ता है। मनुष्य स्वभाव है कि वह जैसे वातावरण में रहता है, वैसा ही प्रभाव उस पर पड़ता है। परिवार के मुखिया को बच्चों की निगरानी करनी चाहिए। विशेषकर उनके सोशल मीडिया अकांउट की।
डॉ. पवन बिश्नोई, मनोरोग विशेषज्ञ एवं मनोचिकित्सक
आज-कल जो गीत प्रचलित है उनमें और वेब सीरिजों में क्राइम सीन, हथियार आदि दिखाए जा रहे हैं, जिसका सीधा असर युवाओं पर पड़ रहा है। ऐसे में कई युवा भी इसके चलते हथियार व गाड़ी रखने लगे हैं। इससे वे गैंगस्टरों के संपर्क में आ रहे हैं। लेकिन पुलिस उनके मंसूबे पूरे नहीं होने देती है। इसके लिए ऑपरेशन चलाया गया है।
– आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर

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