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श्री गंगानगर

सिरे नहीं चढ़ी गंगनहर की भूमि और कोठियां बेचने की योजना

राज्य में पांच अन्य स्थानों पर बेचनी थी जल संसाधन विभाग की भूमि

सिरे नहीं चढ़ी गंगनहर की भूमि और कोठियां बेचने की योजना

श्री गंगानगरMay 04, 2024 / 02:21 pm

surender ojha

– राज्य में पांच अन्य स्थानों पर बेचनी थी जल संसाधन विभाग की भूमि
श्रीगंगानगर. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए बजट की व्यवस्था करने के लिए गंगनहर की अलग-अलग स्थानों पर पड़ी भूमि और उनके साथ बनी कोठियां बेचने की योजना सिरे नहीं चढ़ी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में बनी यह योजना पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन नहीं होता तो श्रीगंगानगर सहित राज्य के छह जिलों में जल संसाधन विभाग की भूमि और अन्य अचल संपत्तियां पूर्वी राजस्थान नहर के लिए बजट की व्यवस्था करने के लिए एक-एक कर बिक जाती। चुनाव से पहले अलवर में बेच दी गई भूमि को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है।
पूर्वी राजस्थान नहर का निर्माण कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के लिए चुनावी लाभ लेने का माध्यम रहा है। इस नहर के निर्माण से प्रदेश के 21 जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मिलना है। नए जिले बनने से पहले लाभान्वित होने वाले जिलों की संया 13 थी। नहर के निर्माण के लिए प्राथमिक बजट की व्यवस्था के लिए गहलोत मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग के स्वामित्व वाली भूमि को बेचने की योजना बनाई थी। इसके लिए जल संसाधन विभाग के मुय अभियंता जोधपुर, कोटा व हनुमानगढ़ तथा अतिरिक्त मुय अभियंता जयपुर, उदयपुर और बांसवाड़ा को बाकायदा पत्र लिखकर उनके यहां उपलब्ध भूमि और उससे संबंधित संपत्तियां पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम को नि:शुल्क हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए थे।

आदेश की पालना हुई

यह काम सरकार का था, सो जिन अधिकारियों को विभाग के स्वामित्व वाली अनुपयोगी भूमि एवं उससे संबंधित संपत्तियों की सूचना देने के निर्देश दिए थे, उन्होंने अपने यहां उपलब्ध भूमि की सूचना तुरत-फुरत उपलब्ध करवा दी। बिना इस पर विचार किए कि कल को यह अचल संपत्तियां उनके विभाग की किसी जरूरत को पूरा करने में काम आ सकती है। मुय अभियंता जोधपुर ने अपने यहां 4.62 हेक्टेयर, कोटा ने 126.77 तथा मुय अभियंता हनुमानगढ़ ने 179.19 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होने की सूचना दी, वहीं अतिरिक्त मुय अभियंता जयपुर ने 148.16 हेक्टेयर, उदयपुर ने 35.94 हेक्टेयर तथा अतिरिक्त मुय अभियंता बांसवाड़ा ने 30.66 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होने की सूचना दी।

योजना स्थगित हुई


इस बीच, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम जयपुर के अतिरिक्त मुख्य अ​भियंता रवि सौलंकी का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जल संसाधन विभाग भूमि और उससे संबंधित संपत्तियों को बेचने की योजना पूर्व राजस्थान नहर परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था करने को बनी थी। उस योजना को स्थगित कर दिया गया है।

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