आदेश की पालना हुई
यह काम सरकार का था, सो जिन अधिकारियों को विभाग के स्वामित्व वाली अनुपयोगी भूमि एवं उससे संबंधित संपत्तियों की सूचना देने के निर्देश दिए थे, उन्होंने अपने यहां उपलब्ध भूमि की सूचना तुरत-फुरत उपलब्ध करवा दी। बिना इस पर विचार किए कि कल को यह अचल संपत्तियां उनके विभाग की किसी जरूरत को पूरा करने में काम आ सकती है। मुय अभियंता जोधपुर ने अपने यहां 4.62 हेक्टेयर, कोटा ने 126.77 तथा मुय अभियंता हनुमानगढ़ ने 179.19 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होने की सूचना दी, वहीं अतिरिक्त मुय अभियंता जयपुर ने 148.16 हेक्टेयर, उदयपुर ने 35.94 हेक्टेयर तथा अतिरिक्त मुय अभियंता बांसवाड़ा ने 30.66 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होने की सूचना दी।योजना स्थगित हुई
इस बीच, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम जयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता रवि सौलंकी का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जल संसाधन विभाग भूमि और उससे संबंधित संपत्तियों को बेचने की योजना पूर्व राजस्थान नहर परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था करने को बनी थी। उस योजना को स्थगित कर दिया गया है।