ज्ञातव्य है कि सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों की ओर से पिछले एक वर्ष से सातवे वेतन आयोग के अनुसार वेतन बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। पिछली चार जनवरी को विरोध स्वरूप किये गए कार्य बहिष्कार के बाद परियोजना प्रशासन ने एक माह में वेतन बढोतरी का लिखित आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है। उन्होंने थर्मल प्रशासन को चेतावनी देते हुए 20 फरवरी तक उनके वेतन में बढोतरी नही होने पर 21 फरवरी से कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले जाने की चेतावनी दी थी।
एक वर्ष से कर रहे हैं मांग सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियो के यार्ड मास्टर ओम प्रकाश कांटीवाल ने बताया कि सूरतगढ़ तापीय परियोजना में कार्यरत सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियों को प्रदेश की अन्य तापीय परियोजनाओ के मुकाबले 30 से 35 प्रतिशत कम वेतन मिलता है। इस संबन्ध में स्थानीय प्रशासन सहित जयपुर मुख्यालय तक कई बार मांग पत्र प्रेषित किया जा चुका है, लेकिन एक वर्ष से मात्र आश्वासन के कुछ नही मिला है। उन्होंने बताया कि जब तक हमारी मांगो पर कोई कार्रवाई नही होती काम बंद रहेगा।
निर्धारित संख्या से आधे हैं कर्मचारी मस्टररोल पर नियुक्त सेवानिवृत रेल कर्मियों ने बताया कि परियोजना के कोल हैंडलिंग प्लांट में कोल रैक खाली करने सहित रेलवे से संबंधित अन्य कार्यो के लिए लोको पायलट, सीएमडब्ल्यू, एसपीएचएम, यार्ड मास्टर आदि के 89 पद स्वीकृत है, लेकिन परियोजना प्रशासन के कम वेतन देने के कारण मात्र 39 सेवानिवृत रेलवे कर्मचारी ही परियोजना में कार्यरत है। जिसके चलते कर्मचारियों को डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। इसके कारण हादसों का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से न तो छुट्टी दी जाती है न ही निर्धारित वेतन ।
इंटक ने दिया समर्थन सूरतगढ़ विद्युत उत्पादन मजदूर यूनियन इंटक के अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा ने सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि पिछले एक साल से वेतन बढोतरी की मांग कर रहे इन कर्मचारियों को अन्य परियोजनाओं के मुकाबले कम वेतन दिया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि इंटक संगठन रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल का पूरी तरह समर्थन करता है।