नर्सिंग स्टाफ महेंद्र कुमार व हरप्रीत कौर उसके पास के रेडियेंट वार्मर में बच्चे को ड्रिप लगा रहे थे, जैसे ही तार जलने लगी तो तुरंत प्रभाव से नर्सिंग स्टाफ महेंद्र ने नवजात को उठाकर हरप्रीत कौर को दे दिया और बिजली बोर्ड से प्लग निकाल कर आपातकालीन गेट से रेडियेंट वार्मर को जलते हुए बाहर फैंक दिया। कुछ पल में रेडियेंट वार्मर में आग की लपटें निकलने लगी। शिशु नर्सरी में इस बीच धुंआ ही धुंआ हो गया और नर्सरी में भर्ती सभी नौ नवजात को शिशु नर्सरी के दूसरे रूम में शिफ्ट किया गया।
शिशु नर्सरी में १५ रेडियेंट वार्मर है और जब घटना हुई तो मौके पर नौ नवजात रेडियेंट वार्मर में रखे हुए थे और तीन नवजात पीएनसी वार्ड में मां के पास दूध पिलाने के लिए परिजन लेकर गए हुए थे। इस घटना की सूचना तुरंत इवनिंग डे प्रभारी जगदीश भांभू को दी गई। भांभू ने फायर ब्रिगेड, पीएमओ व डीसी को दी गई। घटना की सूचना मिलते ही तुरंत प्रभाव से प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीता सरदाना, उप नियंत्रक डॉ. प्रेम बजाज, शिशु नर्सरी प्रभारी डॉ. राजेश अरोड़ा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी धीरज सैन सहित अन्य स्टाफ पहुंच गया।
जिला प्रशासन को इस घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त जिला कलक्टर (सतर्कता) मौके पर पहुंचे और शिशु नर्सरी का निरीक्षण कर पीएमओ व डीसी व नर्सिंग कार्मिकों से बातचीत कर पूरी रिपोर्ट प्राप्त की। वहीं, पीएमओ डॉ. सुनीता सरदाना ने इस घटना की जांच के लिए एक छह सदस्यीय टीम गठित कर तुरंत जांच रिपोर्ट देने के लिए पाबंद किया है। इस घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर भी दी है।