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अब ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट खरीद में घोटाला

locationश्री गंगानगरPublished: Nov 01, 2018 12:39:15 pm

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Rajaender pal nikka

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 Gram Panchayats

अब ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट खरीद में घोटाला

सरपंच, ग्राम सचिव, पंचायत प्रसार अधिकारी और विकास अधिकारी को माना दोषी
नियमों की अनदेखी कर चहेतों की ठेका फर्मों से लगा ली थी स्ट्रीट लाइटें

सुरेंद्र ओझा

श्रीगंगानगर. रंगीन कुर्सियों के बाद ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की खरीद में भी भारी गड़बड़ी हुई है। लाखों रुपए की इस खरीद में टेंडर की प्रक्रिया अपनाने की बजाय चहेती ठेका फर्मों से मनमर्जी के रेट निर्धारित कर लिए गए। यहां तक कि किसी भी सरकारी एजेंसी की ओर से निर्धारित रेट का भी जिक्र खरीद प्रक्रिया में नहीं किया गया। नतीजन एक से दूसरे ग्राम पंचायतों में यह खरीद होने लगी। एक ठेका फर्म को ही अधिकृत कर बाजार मूल्य से कई गुणा दाम से खरीद टेंडर की बजाय कोटेशन से करवा ली।
जिला परिषद प्रशासन को इस खरीद की भनक तो पिछले आठ महीने पहले थी लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने इस खरीद फरोख्त के खिलाफ एक्शन लेने की बजाय चुप्पी साध ली। लेकिन पिछले कुछ समय पहले आईएएस अफसर चिन्मयी गोपाल ने सीईओ का कार्यभार संभाला तो इस खरीद में हुई गड़बड़ी के संबंध में जांच की प्रक्रिया शुरू करवाई। नमूने के तौर पर श्रीगंगानगर पंचायत समिति की पांच ग्राम पंचायतों की जांच करवाई तो गड़बड़ी की कलई खुलने लगी। नियम कायदों की अनदेखी, मनमाने रेट और चहेते ठेका फर्मों से खरीद करने का मामला सामने आया है।
जिला परिषद सीईओ ने बताया कि श्रीगंगानगर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत साधुवाली, पक्की, खाटलबाना, 27 जीजी और ग्राम पंचायत कोनी की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन पांचों में गडबड़ी की पुष्टि हुई है। अब संबंधित सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी और विकास अधिकारी को नोटिस देकर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं होने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
ऐसे किया खरीद का खेल

जेम पोर्टल पर सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद की जाने वाली प्रत्येक वस्तु व उसकी कीमत दर्ज है। इससे बाहर जाकर कोई भी सरकारी एजेंसी खरीद नहंी की सकती। यदि किसी अन्य सरकारी विभाग की बीएसआर दरों के अनुरुप स्ट्रीट लाइट का रेट निर्धारित है तो संबंधित बीएसआर रेट से खरीद किया जा सकता था लेकिन यह प्रक्रिया तक नहीं अपनाई। इस खरीद के लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक, वित्तीय अथवा तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई है।
बिना स्वीकृति जारी किए इन पंचायतों ने 7 लाख से लेकर 23 लाख रुपए का बजट खर्च कर स्ट्रीट लाइट की खरीद कर ली। एक से दस लाख रुपए का सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया करना जरूरी है लेकिन टेंडर करने की बजाय चुनिंदा ठेका फर्मों से कोटेशन के आधार पर स्ट्रीट लाइट के दाम एक लैटर पैड पर लिए और उसी को आधार मान कर खरीद कर ली। नियम कायदों की अनदेखी कर यह खरीद भ्रष्टाचार की श्रेणी में आती है।
दिए जा रहे हैं नोटिस
यह सही है कि अब तक पांच ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की खरीद फरोख्त में भारी अनियमितताएं होने का मामला सामने आया है। जांच के बाद संबंधित सरपंच, ग्राम सचिव, पंचायत प्रसार अधिकारी और श्रीगंगानगर पंचायत समिति के विकास अधिकारी को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। यह खरीद अन्य पंचायत समितियों में भी हुई है, इसकी जांच अभी विचाराधीन है। अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ अब सिर्फ नोटिस देने की खानापूर्ति नहीं होगी, सख्त एक्शन लिया जाएगा।
चिन्मयी गोपाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्रीगंगानगर।
इन पांच ग्राम पंचायतों को माना दोषी
1. ग्राम पंचायत कोनी
इस ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 207 स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए श्रीकरणपुर की ठेका फर्म ग्रोवर कंस्ट्रक्शन कंपनी को 22 लाख 97 हजार 500 रुपए से अनुबंध किया गया। इस फर्म के सिर्फ लैटर पैड पर स्ट्रीट लाइट के दाम लिखने से इस बजट का भुगतान करने में देर नहीं की। जिला परिषद की जांच टीम ने इस खरीद में अनियमितता मानते हुए इस ग्राम पंचायत के सरपंच सत्यनारायण यादव, ग्राम सचिव खैरातीलाल, पंचायत प्रसार अधिकारी योगेश गौड़ को जिम्मेदार माना है।
2. ग्राम पंचायत पक्की 4 बी बड़ी
इस ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 120 स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए भी ठेका फर्म ग्रोवर कंस्ट्रक्शन कंपनी श्रीकरणपुर से अनुबंध किया गया था। इसके एवज में ग्राम पंचायत ने 7लाख 27 हजार 584 रुपए का भुगतान किया। जांच टीम ने इस खरीद को भी अनियमितता बरतने के दायरे में माना है। जांच टीम ने इस ग्राम पंचायत की सरपंच परमजीत कौर, ग्राम सचिव रत्तीराम राजौरा, पंचायत प्रसार अधिकारी गुरतेज सिंह को दोषी मानते हुए नोटिस जारी करने की अनुशंषा की है।
3. ग्राम पंचायत खाटलबाना
इस ग्राम पंचायत में पिछले साल 82 स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए बकायदा प्रस्ताव पारित कर खरीद की प्रक्रिया अपनाई थी। इस ग्राम पंचायत ने सिर्फ 82 स्ट्रीट लगाने के एवज में ठेका फर्म को 15 लाख 55 हजार 224 रुपए का भुगतान कर दिया। इसमें यह भी नहीं देखा कि लाइटें लगाने का रेट अन्य ग्राम पंचायतों की तुलना में ज्यादा है या नहीं। जांच टीम ने इस खरीद को भी अनियमितता बरतने के आरोप में ग्राम पंचायत के सरपंच राजकुमार, ग्राम सचिव पंकज मुंजराल और पंचायत प्रसार अधिकारी राकेश सहारण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंषा की है।
4. ग्राम पंचायत 27 जीजी
इस ग्राम पंचायत में स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें ठेका फर्म जयपुर की विसेंट सोलर एनर्जी थी। इस ठेका फर्म से गांव में 168 स्ट्रीट लाईटें लगाने के एवज में 7 लाख 19 हजार 760 रुपए का भुगतान किया गया, जांच टीम ने इस खरीद को भी अनियमितता की श्रेणी में माना है। अब इस गांव के सरपंच अर्जुन कुमार, ग्राम सचिव विजय भांभू, पंचायत प्रसार अधिकारी किशनलाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंषा की गई है।
5. ग्राम पंचायत साधुवाली
इस ग्राम पंचायत में पिछले साल 260 स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए श्रीकरणपुर की ठेका फर्म ग्रोवर कंस्ट्रक्शन कंपनी को 16 लाख 65 हजार 664 रुपए का भुगतान किया। यह खरीद भी मनमर्जी से की गई। यहां तक कि नियम कायदों की अनदेखी कर भुगतान पर फोकस किया गया। गुणवत्ता पर ध्यान तक नहीं दिया गया। जांच टीम ने इस मामले में इस ग्राम पंचायत के सरपंच नंदलाल रैगर, ग्राम सचिव प्रियवृत गाट, पंचायत प्रसार अधिकारी योगेश गौड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंषा की है।

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