‘जीवन जीने की कला सिखाती हैश्रीमद्भागवत’
श्री गंगानगरPublished: May 12, 2019 08:19:16 pm
सादुलशहर.
‘जीवन जीने की कला सिखाती हैश्रीमद्भागवत’
-वार्ड छह के सहारणान बास स्थित ठाकुर जी मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एंव दुर्लभ सत्संग कथावाचक रामानंद महाराज ने कहा है कि श्रीमद्भागवत हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। वे रविवार को वार्ड छह के सहारणान बास स्थित ठाकुर जी मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एंव दुर्लभ सत्संग के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सत्संग श्रवण करने और उसे जीवन में उतारने से जीवन सुन्दर बनाया जा सकता है। सत्संग श्रवण का फल भाग्यशाली को ही मिलता है। कार्यक्रम का आयोजन श्री ठाकुर जी मन्दिर सेवा समिति की ओर से किया जा रहा है। कथा नौ दिन तक चलेगी। इससे पूर्व वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूजा-अर्चना पुजारी सूर्यप्रकाश शर्मा ने संपन्न करवाई। उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला हमें श्रीमद्भागवत सिखाती है। कथा में सेवादार अरविन्द सहारण, मोहनलाल सहारण, सुभाष सहारण, विकास डेलू, कृष्ण सहारण, रामसिंह सहारण, रणजीत सहारण आदि ने सेवाएं दे रहे हैं।