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श्रीगंगानगर में खिलने से पहले दम तोड़ गए पौधे, अधिकांश गमलों के पौधे पानी नहीं मिलने से ओझल

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 19, 2019 01:53:28 pm

Submitted by:

surender ojha

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Plants Damaged

श्रीगंगानगर में खिलने से पहले दम तोड़ गए पौधे, अधिकांश गमलों के पौधे पानी नहीं मिलने से ओझल

श्रीगंगानगर। ( Sriganganagar) शहर के सौन्दर्यीकरण की आड़ में नगर परिषद का हरियाली अभियान एक महीने में ही दम तोड़ गया है। नगर परिषद प्रशासन ने लक्कड़ मंडी टी प्वाइंट से बीरबल चौक( birbal chowk ) तक डिवाइडर पर गमलों को स्थापित करने की अनूठी पहल की थी लेकिन अधिकांश गमलों में लगे पौधों को नियमित पानी नहीं मिला तो वे मुरझा गए तो कई मर भी चुके है। कई गमलों को तोड़ा भी जा चुका है। इस पूरी रोड पर लगे इन गमलों को राहगीरों को आकर्षित करने के लिए बकायदा अलग अलग रंग भी लगाया गया था। वहीं गमलों के अंदर विभिन्न किस्म के पौधे ( plants ) भी लगाए गए लेकिन सार संभाल (Monitoring ) नहीं हो पाई। नगर परिषद की माने तो इस पहल से डिवाइडरों का सदुपयोग होगा वहीं पर्यावरण के प्रति नागरिकों में अधिक जागरूकता आएगी। शहर के तापमान ( temperature ) में पिछले दिनों लगातार 48 से 49 डिग्री सेल्सियस औसतन रहा था, इसकी वजह इलाके में पर्यावरण के प्रति कम हो रही कमी बताया जा रहा है। परिषद के अधिकारियों ने पूरे शहर के मुख्य मार्गो के डिवाइडरों पर गमले सजाने का प्रस्ताव तैयार भी किया है। सभापति बोले, मैं तो बचपन से पर्यावरण प्रेमी नगर परिषद सभापति (City council chairman
) अजय चांडक का कहना था कि वे तो बचपन से पर्यावरण प्रेमी ( green minded ) है। शहर में हरियाली हो, इसके लिए डिवाइडर पर गमले लगाने की कवायद शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि नगर परिषद की इस जागरूकता और पहल से शहरवासी न केवल सहयोग करेंगे बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के नाम से दो दो पौधे लगाने और उनकी सार संभाल का संकल्प लेंगे। उन्हेांने बताया कि गमलों से हरियाली आएगी तो शहर का तापमान ( Temperature ) कम हो सकेगा। सभापति अजय चांडक का दावा था कि डिवाइडरों में पौधे लगाने से वे पेड़ बन जाते है जिनको शि$फट करना मुश्किल हो जाती है। ऐसे में गमले लगाने की योजना अधिक कारगार हो सकेगी।
इंडस्ट्रीयल एरिया के युवा शिवम का कहना था कि पहले से जताई थी आंशका जो सही साबित हो गई। पौधे घरों में गमला रखने की तर्ज पर नगर परिषद के सडक़ों के डिवाइडरों पर गमले लगाने के बाद इसकी मॉनीटरिंग ( Monitoring
) कौन करेगा, यह सवाल नगर परिषद के अधिकारियों के पास नहीं है। गमले लगाने की योजना बेहद अच्छी है लेकिन इन पौधों को नियमित रूप से पानी कौन डालेगा, यह सवाल भी है। छात्रा परी शर्मा का माने तो गमलों की सुरक्षा कौन संभालेगा। डिवाइडर पर आए दिन लोग तोडफ़ोड़ करते है ऐसे में गमले कैसे सुरक्षित रह सकते है।

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