माइनर में सिल्ट जमा होने और दोनों पटड़ों पर झाड़ झंखाड़ से पानी का प्रवाह रुकने के कारण माइनर बार-बार टूट रही है। किसानों ने बताया कि वरीयता के दौरान यह माइनर दो बार टूट चुकी है। इससे किसानों की बारी प्रभावित होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
विभागीय अनदेखी के चलते इस माइनर के अक्टूबर 2018 को जारी हुए सफाई के टेंडर निरस्त हो गए । वरीयता के दौरान माइनर टूटने की आशंका में किसान दिन रात रखवाली करने को मजबूर है।
टिब्बा क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी माइनर
काश्तकार मनफूलराम सहारण, हरूराम मेघवाल, लेखराम नायक, मांगीलाल गोदारा, जयलाल शर्मा, नंद राम सहारण, आसाराम नायक, पृथ्वीराज थोरी, किशनलाल गोदारा , कानदास स्वामी आदि ने बताया कि वर्ष 2006-07 में 50 आरडी और 15 मौघों से बनी टिब्बा क्षेत्र की जीवनदायिनी मीरचंद माइनर से न केवल राजियासर गांव, पीपासर ,देईदासपुरा ,बछरारा, कोनपालसर व बिरधौल क्षेत्र के हजारों हैक्टेयर भूमि में सिंचाई होती है। इसके साथ ही यह नहर लधेर ,सांवलसर सहित कई ढाणियों के लोगों की प्यास बुझाने वाली साबित हुई है।
गुहार गई बेकार,अब आंदोलन को मजबूर
किसानों ने बताया कि वे इन समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक और जलसंसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं। जल संसाधन विभाग के जेईएन मौका मुआयना कर चुके हैं। उसके बाद भी माइनर की सफाई का काम नहीं हो रहा है।
किसानों ने एक माह की नहर बंदी के दौरान माइनर की सफाई नहीं करवाने पर माइनर को रेत से भरने तथा मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
शीघ्र शुरू होगा सफाई का काम
पहले माइनर में पानी चलने और बाद में विधानसभा चुनाव के कारण माइनर की सफाई के टेंडर निरस्त हो चुके हैं। अब शीघ्र ही उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर सफाई करवाई जाएगी ।
-विजय पुरोहित, अधिशासी अभियंता, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, लूणकरणसर
शीघ्र शुरू होगा सफाई का काम
पहले माइनर में पानी चलने और बाद में विधानसभा चुनाव के कारण माइनर की सफाई के टेंडर निरस्त हो चुके हैं। अब शीघ्र ही उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर सफाई करवाई जाएगी ।
-विजय पुरोहित, अधिशासी अभियंता, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, लूणकरणसर