शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक नगर विकास न्यास प्रशासन ने पैदल राहगीरों के लिए नेशनल हाइवे के दोनों साइडों में सर्विस रोड पर भारी वाहनों के खड़े होने से अब तक निजात नहीं मिल पाई है। शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक बन रही इस सर्विस रोड पर नगर विकास न्यास प्रशासन करीब सवा करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।
यह थी अधिसूचना
शहर में भारी वाहनों की नो एंट्री के संबंध में ११ जनवरी २०१३ को तत्कालीन जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्रीराम चोरडि़या ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें सूरतगढ़ रोड पर सूरतगढ़ बाइपास तक, हनुमानगढ़ रोड पर डीटीओ ऑफिस तक, पदमपुर रोड पर चक ५ ए गुरुद्वारा तक, हिन्दुमलकोट रोड पर तीन पुली तक, श्रीकरणपुर रोड पर मिर्जेवाला रेलवे फाटक तक, अबोहर रोड पर आर्मी क्षेत्र तक नो एंट्री जोन शामिल किया था। इसके बाद एरिया में नो एंट्री क्षेत्र होगा। ये आदेश २१ जनवरी २०१३ से लागू हुए थे।
शहर में भारी वाहनों की नो एंट्री के संबंध में ११ जनवरी २०१३ को तत्कालीन जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्रीराम चोरडि़या ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें सूरतगढ़ रोड पर सूरतगढ़ बाइपास तक, हनुमानगढ़ रोड पर डीटीओ ऑफिस तक, पदमपुर रोड पर चक ५ ए गुरुद्वारा तक, हिन्दुमलकोट रोड पर तीन पुली तक, श्रीकरणपुर रोड पर मिर्जेवाला रेलवे फाटक तक, अबोहर रोड पर आर्मी क्षेत्र तक नो एंट्री जोन शामिल किया था। इसके बाद एरिया में नो एंट्री क्षेत्र होगा। ये आदेश २१ जनवरी २०१३ से लागू हुए थे।
यह सही है कि भारी वाहनों की नो एंट्री की पालना कराने के संबंध में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने अधिसूचना जारी की थी। शहरी क्षेत्र में एेसे भारी वाहनों की नो एंट्री के संबंध में ट्रैफिक पुलिस अधिकृत है। ट्रैफिक पुलिस ही इस आदेश की पालना करवा सकती है।
सुमन, जिला परिवहन अधिकारी
सुमन, जिला परिवहन अधिकारी
जब मन किया तब आते हैं भारी वाहन
शहर में भारी वाहनों की ऑन रिकॉर्ड भले ही नो एंट्री हो लेकिन हकीकत में जब चाहा तब भारी वाहन शहर के बीचोबीच आ जाते हैं। सुखाडि़या सर्किल से कोडा चौक तक एेसे वाहनों की आवाजाही रात तक जारी रहती है। नई धानमंडी और पुरानी धानमंडी में लोहे के सरिया या अन्य सामान को लाने और वापस ले जाने के लिए यातायात पुलिस की रोक नहीं है। बाजार एरिया में भी यही कमोबेश स्थिति है। सूरतगढ़ रोड भारी वाहनों की शरण स्थली बन चुकी है, वहां से किसी भी पुलिस या परिवहन अधिकारी ने एेसे वाहनों को हटाने के लिए कदम नहीं उठाए है। सांझ ढलने के बाद कोडा चौक निजी बसों का अस्थायी स्टैण्ड बन जाता है। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ दुपहिया वाहन चालकों के चालान काटने के लिए में व्यवस्त दिखाई देती है।
शहर में भारी वाहनों की ऑन रिकॉर्ड भले ही नो एंट्री हो लेकिन हकीकत में जब चाहा तब भारी वाहन शहर के बीचोबीच आ जाते हैं। सुखाडि़या सर्किल से कोडा चौक तक एेसे वाहनों की आवाजाही रात तक जारी रहती है। नई धानमंडी और पुरानी धानमंडी में लोहे के सरिया या अन्य सामान को लाने और वापस ले जाने के लिए यातायात पुलिस की रोक नहीं है। बाजार एरिया में भी यही कमोबेश स्थिति है। सूरतगढ़ रोड भारी वाहनों की शरण स्थली बन चुकी है, वहां से किसी भी पुलिस या परिवहन अधिकारी ने एेसे वाहनों को हटाने के लिए कदम नहीं उठाए है। सांझ ढलने के बाद कोडा चौक निजी बसों का अस्थायी स्टैण्ड बन जाता है। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ दुपहिया वाहन चालकों के चालान काटने के लिए में व्यवस्त दिखाई देती है।
उठाया जाएगा सख्त कदम&ट्रैफिक पुलिस ने भारी वाहनों के लिए नो एंट्री का आदेश जारी किया हुआ है। उसकी पालना कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस अधिक सजग है। प्रयास यही रहता है कि सुबह से लेकर रात नौ बजे तक सिर्फ दो घंटे दोपहर बारह से एक बजे तक और शाम चार से शाम पांच बजे के अलावा भारी वाहनों की आवाजाही नहीं हो सके। शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक हाइवे के दोनों साइडों में भारी वाहनों के खड़ा से रोकने के लिए सख्त कदम उठाया जाएगा।
आंनद कुमार,
यातायात पुलिस थाना प्रभारी श्रीगंगानगर।
आंनद कुमार,
यातायात पुलिस थाना प्रभारी श्रीगंगानगर।