पार्षदों ने यहां तक बोला कि सभापति की नजर में अब कांग्रेसी मीठे ज्यादा लगने लगे है जबकि भाजपा के पार्षद कड़वे हो गए हैं। वर्क ऑर्डर की फाइलों पर साइन करने के लिए सभापति अपने एल ब्लॉक स्थित निजी कार्यालय में तलब करवा रहे हैं। वहां बैठकर गैर कांग्रेस वाले वार्डों के निर्माण कार्यो की जान बूझकर स्वीकृति नहीं दी जाती। कई दिन तक फाइलें वहां मार्गदर्शन के नाम पर होल्ड रखी जा रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्षदों के वार्डो में वर्क ऑर्डर तक हो गए हैं। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि किसी की मनमर्जी नहीं चलने दी जाएगी।
भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया है, वह प्रथम दृष्टया वाजिब प्रतीत हो रहा है। अधिकांश फाइलों में कांग्रेस पार्षदों वाले वार्डों के निर्माण कार्यो की है। भाजपा के उन ही पार्षदों के वार्डों के निर्माण कार्यों के लिए साइन हुए जो सभापति के खास हैं। यह मामला गंभीर है। सभापति को संदेश भिजवाया गया है। मामला निपटाने का प्रयास किया जाएगा।
सुनीता चौधरी, आयुक्त नगर परिषद
सभापति की कुर्सी किसी एक राजनीतिक दल से बंधी नहीं हुई है। सब दलों के पार्षदों से सहयोग नगर परिषद बोर्ड संचालित किया जा रहा है। भाजपा के कई पार्षद तो खुद को भगवान समझते हैं। एेसे चंद पार्षदों का रिमोट कंट्रोल किसी अन्य के हाथ में है। मैंने तो अशोक मुंजराल जैसे आठ पार्षदों के वार्डो के लिए वर्क ऑर्डर तक कर दिए हंै। आयुक्त भी अब एेसे पार्षदों की भाषा बोल रही है।
अजय चांडक,
सभापति, नगर परिषद