महंगे बीज ने बिगाड़ा किसानों का गणित
किसानों का कहना है कि इस बार बुवाई के समय हुई बारिश से नरमा फसल के कुरंड होने से दो से तीन बार महंगा बीज बोना पड़ा है। इससे तीन से चार हजार रुपए का अतिरिक्त भार किसानों पर पड़ा है। अब बारिश न होने के कारण इलाके में नरमे की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। मोरजंड खारी के किसान जगसीर सिंह ने बताया कि बारिश न होने से बोई गई फसलें बर्बाद हो रही है। हरा-चारा भी अभी तक पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाया है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो हरे-चारे की किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है। चक केरा के किसान विजय सिंह ने बताया कि सीमित मात्रा में नहरी पानी मिलने से सारी फसल की एक साथ सिंचाई किया जाना सम्भव नहीं है। पानी कमी के चलते ग्वार व मूंग की बुवाई कैसे की जाए ये भी बड़ी समस्या है। सुंदरपुरा के किसान भूपराज ने बताया कि बरसात न होने से नरमे की फसल को ज्यादा नुकसान हो रहा है। महंगे बीज की वजह से किसान पहले ही अतिरिक्त खर्च वहन कर रहा है
किसानों का कहना है कि इस बार बुवाई के समय हुई बारिश से नरमा फसल के कुरंड होने से दो से तीन बार महंगा बीज बोना पड़ा है। इससे तीन से चार हजार रुपए का अतिरिक्त भार किसानों पर पड़ा है। अब बारिश न होने के कारण इलाके में नरमे की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। मोरजंड खारी के किसान जगसीर सिंह ने बताया कि बारिश न होने से बोई गई फसलें बर्बाद हो रही है। हरा-चारा भी अभी तक पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाया है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो हरे-चारे की किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है। चक केरा के किसान विजय सिंह ने बताया कि सीमित मात्रा में नहरी पानी मिलने से सारी फसल की एक साथ सिंचाई किया जाना सम्भव नहीं है। पानी कमी के चलते ग्वार व मूंग की बुवाई कैसे की जाए ये भी बड़ी समस्या है। सुंदरपुरा के किसान भूपराज ने बताया कि बरसात न होने से नरमे की फसल को ज्यादा नुकसान हो रहा है। महंगे बीज की वजह से किसान पहले ही अतिरिक्त खर्च वहन कर रहा है