गौरतलब है कि ट्रेन की चपेट में आने से मंगलवार सुबह गांव ५५ एफ के निकट एक युवक की मौत हो गई। मृतक का पिता रेलवे में गैंगमेट (कीमैन) के पद पर कार्यरत है। बताया जा रहा है कि पिता को खाना देकर वह रेल पटरियों के मध्य चलकर वापस आ रहा था। इस दौरान वह इअर फोन से संगीत सुन रहा था कि पीछे से आ रही श्रीगंगानगर-कोच्चिवल्ली एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया। राजकीय चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया। पिता की रिपोर्ट पर गजसिंहपुर पुलिस ने मर्ग दर्ज की।
पुलिस के अनुसार रेलवे में गैंगमेट त्रिवेणी मंडल का पुत्र आकाश मंडल (१७) मंगलवार सुबह करीब आठ बजे गांव ५५ एफ के निकट रेल पटरियों पर काम कर रहे अपने पिता को खाना देने के बाद वापस कस्बे की ओर लौट रहा था। इस दौरान रेल पटरियों के मध्य चलते हुए वह मोबाइल से इअर फोन लगाकर संगीत भी सुन रहा था। उस समय सूरतगढ़ की ओर से किसी ट्रेन के आने का समय नहीं था। अचानक सवा आठ बजे पीछे से आई श्रीगंगानगर-कोच्चिवल्ली एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से उसके सिर पर गंभीर चोट लगी और वह बेसुध होकर पटरियों के एक ओर जा गिरा। ट्रेन गार्ड व आसपास राहगीरों की सूचना पर एम्बुलेंस १०८ से उसे यहां के राजकीय चिकित्सालय लाया गया लेकिन चिकित्सकों से उसे मृत घोषित कर दिया।
६ घंटे देरी से थी ट्रेन
६ घंटे देरी से थी ट्रेन
स्टेशन अधीक्षक हंसराज खिरोड़ व स्टेशन मास्टर मनोज मीणा ने बताया कि जिला मुख्यालय से साप्ताहिक चलने वाली श्रीगंगानगर-कोच्चिवल्ली एक्सप्रेस ट्रेन का यहां पहुंचने का समय मंगलवार तडक़े एक बजकर २३ मिनट का है लेकिन छह घंटे देरी से होने की वजह से करीब साढ़े आठ बजे यहां पहुंची। इस दौरान करीब बारह किमी दूर गांव ५५ एफ के निकट यह हादसा हो गया।
सबसे छोटा था आकाश
सबसे छोटा था आकाश
जानकारी के अनुसार आकाश चार भाई बहनों में सबसे छोटा था। आकाश की दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। जबकि बड़ा भाई मिथिलेश एक निजी क्लीनिक पर काम करता है। राजकीय चिकित्सालय में मिथिलेश व उसके पिता की अश्रुधारा रोके नहीं रुक रही थी। रेलवे कॉलोनी से पहुंचे आकाश के मित्र भी भावुक दिखे।