scriptगबन के मुख्य आरोपी शर्मा पर मेहरबानी अब भी बरकरार, न्यायिक अभिरक्षा के बावजूद दिया भत्ता | main accused of embezzlement, still remains, despite the judicial cust | Patrika News
श्री गंगानगर

गबन के मुख्य आरोपी शर्मा पर मेहरबानी अब भी बरकरार, न्यायिक अभिरक्षा के बावजूद दिया भत्ता

38 crores scam in education department मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत किसी भी कर्मचारी का जुलाई माह का वेतन अब तक नहीं दिया गया है वहीं इस घोटाले के मुख्य आरोपी के निलंबन के बावजूद उसे पचास प्रतिशत निर्वहन भत्ता देने के आदेश दिए हैं।

श्री गंगानगरAug 24, 2019 / 06:31 pm

surender ojha

गबन के मुख्य आरोपी शर्मा पर मेहरबानी अब भी बरकरार, न्यायिक अभिरक्षा के बावजूद दिया भत्ता

गबन के मुख्य आरोपी शर्मा पर मेहरबानी अब भी बरकरार, न्यायिक अभिरक्षा के बावजूद दिया भत्ता

श्रीगंगानगर. शिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत किसी भी कर्मचारी का जुलाई माह का वेतन अब तक नहीं दिया गया है वहीं इस घोटाले के मुख्य आरोपी पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा पर इतना मेहरबान है कि उसके निलंबन के बावजूद उसे पचास प्रतिशत निर्वहन भत्ता देने के आदेश दिए हैं। इस आरोपी पर की जा रही मेहरबानी की मंशा को लेकर शिक्षा कर्मियों में नाराजगी भी सामने आई है।
इन कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें जुलाई का वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी आ रही है। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की बात स्वीकार तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही इन सभी पहलूओं को व्यवस्थागत समस्याएं बता रहे हैं।
इस संबंध में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और समग्र शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विष्णुदत्त स्वामी का कहना है कि कभी-कभी विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों का वेतन रोकना पड़ता है। अब मामले की जांच हो रही है तथा कर्मचारियों का वेतन शीघ्र ही जारी कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि आरोपी शिक्षक को निर्वहन भत्ता दिए जाने की तो यह निलंबनकाल में लागू होने वाली एक व्यवस्था है। इसके तहत ही उसे मूल वेतन का पचास प्रतिशत निर्वहन भत्ता देने के आदेश दिए गए हैं।
आरोपी के आग्रह पर कर दिया पांच कर्मचारियों का स्थानांतरण
शिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए का गबन सामने आने के बाद इसमें विभागीय घालमेल भी नजर आने लगा है। मुख्य आरोपी पीटीआई शर्मा की इस मामले में भूमिका सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने बीकानेर प्रारभिंक शिक्षा निदेशालय की संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी को जांच अधिकारी नियुक्ति किया था। इस संयुक्त निदेशक ने पुरानी आबादी थाने में पुलिस हिरासत में चल रहे मुख्य आरोपी से कई सवाल भी किए थे, इस दौरान मुख्य आरोपी ने खुद को पाक साफ बताते हुए सहकर्मियेां पर ही दोषारोपण कर दिया, ऐसेमें इस मुख्य आरोपी के आग्रह पर ही संयुक्त निदेशक देवलता ने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पांच कर्मचारियों के स्थानांतरण कर दिया।
मुख्य आरोपी सद्भावना नगर निवासी ओमप्रकाश शर्मा ने इस संबंध में संयुक्त निदेशक को लिखे पत्र में उसके साथ ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत अन्य सहकर्मियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की थी। ओरापी ने पत्र में कहा था कि कार्यालय में कार्यरत हंसराज, कृष्ण गोपाल, जितेंद्र वाजपेयी, देवेंद्र बिश्रोई, सीताराम, अंकुर सक्सेना और जगदीश देवर्थ के कार्यालय में पदस्थापित रहने से जांच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रही है। आरोपी का कहना था कि उसकी व्यक्तिगत पंजिका भी कार्यालय से गायब हुई है तथा उसे फंसाने के लिए किसी भी व्यक्ति के द्वारा जांच को प्रभावित किया जा सकता है।
जिस दिन आरोपी ने यह पत्र संयुक्त निदेशक को भिजवाया उसी दिन संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी जगदीश देवर्थ, सीताराम, देवेंद्र बिश्रोई, राजेश शर्मा और अंकुर सक्सेना के स्थानांतरण जिले से बाहर की बजाय जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में ही पदस्थापित करने के आदेश जारी कर दिए। नियमानुसार इतने बड़े घोटाले के सामने आने के बाद संबंधित कार्मिकेां के खिलाफ एक्शन लेने की बजाय उनको
मुख्य आरोपी के कहे अनुसार ही जिले के स्कूलों में लगा दिया।
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