संयुक्त निदेशक ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी जगदीश देवर्थ को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 10 केएसडी मोखमवाला, वरिष्ठ सहायक सीताराम को राजकीय उच्च माध्यमिक 10केडी रावला, वरिष्ठ सहायक देवेन्द्र बिश्नोई को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 12 एमएलडी ए घड़साना, कनिष्ठ सहायक राजेश शर्मा को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 14 एपीडी कमरानियां अनूपगढ़ और कनिष्ठ सहायक अंकुर सक्सेना को राजकीय माध्यमिक विद्यालय 4-6 एमएसआर अनूपगढ़ में पदस्थापित करने के आदेश किए है।
ये पंाचों बाबू यहां मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रारभिक कार्यालय में कार्यर थे। इन पांचों ने भी 38 करोड़ रुपए के गबन मामले में मुख्य आरोपी पीटीआइ शर्मा की ओर से फर्जी बिलों को तैयार कर ट्रेजरी से भुगतान उठाकर राजकोष को हानि पहुंचाने के मामले में उदासीनता बरती।
संयुक्त निदेशक चांदवानी ने जिले के अलग अलग स्कूलों में कार्यरत पांच लिपिकों का भी तबादला कर यहां सीबीइओ ऑफिस में डयूटी करने के लिए लगाया है। इसमें रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरतगढ़ के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आनंद गोदारा, पदमपुर क्षेत्र गांव हरकेवाला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ सहायक संदीप घिंटाला, 5 ई छोटी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ सहायक रवि कुमार, राजकीय माध्यमिक विद्यालय 13 जी छोटी के हरीशंकर और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 11 क्यू बखताना के अरविंद कुमार को लगाया है।
पांच लिपिकों के तबादले जिले में संचालित सरकारी स्कूलों में ही करने की बजाय अन्यत्र जिले में करने के सवाल पर शिक्षा निदेशालय बीकानेर की संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी ने इनकार कर दिया। चांदवानी का कहना था कि उसके पास जिले के अंदर में ही लिपिको की उठापटक का अधिकार है, मेरे से ऊपर उच्चाधिकारियों के पास यह अधिकार है कि वे इन लिपिकों को जिले बाहर भिजवाएं। जितना अधिकार था उसके अनुरुप आदेश किया है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि घोटाले की जांच के पहले दिन ही यह तय कर लिया था कि लंबे समय से जमे इन अंगदों को हटाना अब जरूरी है।
सीबीइओ ऑफिस में कार्यरत लंबे समय से बाबूओं ने फर्जी बिल बनाने के लिए मुख्य आरोपी ओमप्रकाश शर्मा पर कभी शक नहीं किया। यहां तक कि बिलों की क्रॉस चैकिंग तक नहीं की। यदि की होती तो इतना बड़ा गबन नहीं होता।