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कुख्यात कैदी मोहम्मद आमीन को जमीन खा गई या आसमान, संभाग स्तर पर जांच फिर भी सुराग नहीं

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 22, 2019 02:22:25 pm

Submitted by:

surender ojha

Mohammed Amin जिला कारागृह से फरवरी माह में पैरोल पर फरार हुए बीकानेर के हार्डकोर अपराधी व हथियार सप्लाई की सजा काट रहे मोहम्मद आमीन के मामले की जांच अब सिर्फ कागजी साबित हुई है

 Mohammed Amin

कुख्यात कैदी मोहम्मद आमीन को जमीन खा गई या आसमान, संभाग स्तर पर जांच फिर भी सुराग नहीं

श्रीगंगानगर ( Sri Ganganagar ) जिला कारागृह से फरवरी माह में पैरोल पर फरार हुए बीकानेर के हार्डकोर अपराधी (notorious prisoner ) व हथियार सप्लाई की सजा काट रहे मोहम्मद आमीन के मामले की जांच अब सिर्फ कागजी साबित हुई है।
बीकानेर संभाग में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और बीकानेर पुलिस के अलावा राज्य की एसओजी भी जांच में जुटी है कि कैदी मोहम्मद आमीन का सुराग अब तक नहीं मिल पाया है। करीब पांच माह से फरार चल रहे इस कैदी के बारे में सुराग जुटाने में पुलिस ने कई राज्यों की पुलिस से भी संपर्क साधा है।
हालांकि बीकानेर रेंज के आईजी ने इस अपराधी को पकडऩे के लिए पहले ही दस हजार रुपए की ईनाम की घोषणा कर रखी है। यह कुख्यात अपराधी ( notorious prisoner) राजस्थान के टॉप 10 में शामिल है। इस मामले में श्रीगंगानगर की कोतवाली पुलिस ने बीकानेर के वसीम अकरम पुत्र शेर मोहम्मद को गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्टे्रट कोर्ट के समक्ष पेश किया, वहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
जांच अधिकारी लाल बहादूर ने बताया कि आरोपी वसीम अकरम कुख्यात कैदी मोहम्मद आमीन का भतीजा है और उसने ही फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाया था। अपनी के बेटे को बताया खुद का बेटा इसके अलावा उसने आमीन के बेटे अली अब्बास की किडनी में खराबी की वजह बताकर बीकानेर जिला कलक्ट्रेट में उपचार कराने के नाम पर सात दिन की आपात पैरोल का आवेदन भी कराया था।
आमीन की पत्नी मेहरुनिशां ने बालक अली अब्बास को आमीन का बेटा बताने के संबंध में दस्तावेज भी तैयार करवाए थे। इस आधार पर बीकानेर कलक्ट्रेट से 20 फरवरी 2019 से 26 फरवरी 2019 तक सात दिन की पैरोल हासिल कर ली।
पैरोल पर बाहर लाने के लिए बीकानेर निवासी देवेन्द्र भाटी ने जमानती की भूमिका निभाई थी। 26 फरवरी की शाम पांच बजे मोहम्मद आमीन को वापस श्रीगंगानगर केन्द्रीय कारागृह में आना था लेकिन वह नहीं आया तो उसी दिन शाम को जेल प्रशासन की ओर से कोतवाली में फरार होने का मामला दर्ज कराया गया था।
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में अब तक कैदी मोहम्मद आमीन की पत्नी मेहरूनिशां, फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने वाले भतीजे बीकानेर निवासी वसीम अकरम पुत्र शेर मोहम्मद और जमानत देने वाले बीकानेर निवासी देवेन्द्र भाटी को गिरफ्तार किया है लेकिन मुख्य आरोपी कैदी मोहम्मद आमीन के बारे में सुराग नहीं मिला है। इस मामले में पुलिस ने पीबीएम बीकानेर के एक चिकित्सक को भी आरोपी बनाया है लेकिन उसके बारे में अब तक ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
बीकानेर के रामकिशन की हत्या में वह सह अभियुक्त बनाया गया था, इस मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले अपराधी मोहम्मद आमीन ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
अजमेर जेल से उसे यहां श्रीगंगानगर केन्द्रीय कारागृह भिजवाया गया था। लेकिन जेल प्रशासन ने बीकानेर कलक्ट्रेट के आदेश पर उसकी पैरोल पर रिहा कर दिया था। पैरोल पर रिहा होने के उपरांत वह फरार हो गया, उसके उपरांत उसकी कुंडली खुली तो पुलिस अधिकारियों ने उसकी पृष्ठभूमि खंगाली है।
अब तक करीब पचास से अधिक मामलों में वह वांछित है। पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली थी कि वह नेपाल जा सकता है, ऐसे में एसओजी की एक टीम उसके ठिकाने को खंगाल रही है लेकिन अब तक सिर्फ क्यास ही लगाए जा रहे है।
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