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ये आया सामने जब परखी अस्पताल की सेहत

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 25, 2018 10:44:51 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

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ये आया सामने जब परखी अस्पताल की सेहत

-राज्य स्तरीय टीम ने किया जिला अस्पताल का निरीक्षण
श्रीगंगानगर. गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर चिकित्सा सुविधा आम व्यक्ति को मिल रही है या नहीं, इसकी परख करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर से एचआर डिविजन सेक्टर ऑफिसर अशोक भंडारी के नेतृत्व में टीम आई हुई है। टीम दोपहर बारह बजे आई और आपातकालीन कक्ष से कायाकल्प के निर्धारित मापदंड के अनुसार एक-एक बिंदु की बारीकी से जांच-पड़ताल की। निर्धारित मापदंड पूर्ण करने पर कायाकल्प में राज्य में प्रथम स्थान पर आने पर तीस लाख का पुरस्कार दिया जाता है।
टीम ने आपातकालीन कक्ष का निरीक्षण कर कहा कि हर बार के हिसाब से चद्दर का कलर तय कर रखा है लेकिन यहां पर हर दिन एक ही चद्दर बिछाई जा रही है। बॉयोवेस्ट किस बाल्टी में कौन सा डालना है इसके ऊपर चस्पा करने की हिदायत दी। एक्स-रे वार्ड में बेहतर साफ-सफाई रखने के लिए कहा गया। पीएनसी, मेल सर्जिकल, फीमेल सर्जिकल, जीरियट्रिक वार्ड व लैबर रू म, रिकॉर्ड रूम आदि में बेहतर सुविधाएं मिली। बर्न वार्ड में दवा के साथ पड़ा कपड़ा आदि हटाने की हिदायत दी गई। ठेकेदार को कहा कि आप एक माह में अस्पताल की छतों की सफाई तो करो। कई जगह स्टाफ को उपकरण आदि सही ढग़ से करने की हिदायत दी गई। एक वार्ड में झाडू व बैंच आदि उठाने को कहा।
एक-एक बिंदु की पड़ताल–

कायाकल्प टीम ने गुरुवार को कार्यवाहक उप-नियंत्रक डॉ.सीके गर्ग, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. निर्मल सैनी, कार्यवाहक नर्सिंग अधीक्षक सरोज वाल्मीकि को साथ लेकर एक-एक वार्ड में जाकर चिकित्सा सुविधाएं, साफ-सफाई, रोगी को मिल रही सुविधा, रिकॉर्ड संधारण, दवा की व्यवस्था, रोगी से नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार, दवा स्टॉक, लैबर रूम, ओटी में उपकरण, ऑपरेशन की सुविधा आदि की बारीकी से जांच की गई।
६०० में से मिलेंगे अंक–

चिकित्सालय प्रबंधन को कायाकल्प टीम आने की पहले से सूचना मिली गई थी। इसके लिए चिकित्सालय में साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्था पहले से बेहतर की गई। लेकिन कायाकल्प की टीम ने हर एक निर्धारित मापदंड को छूने की कोशिश की गई। इसमें तीन सौ सवाल होते हैं और इनके ६०० नंबर मिलते हैं। इनमें राज्य में अधिक अंक प्राप्त करने वाला जिला चिकित्सालय को कायाकल्प का आवार्ड राज्य स्तर पर मिलता है।
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कब-कब करना होता है निरीक्षण

– जिला चिकित्सालय पहले खुद करता है निरीक्षण, एक-एक बिंदु की जांच कर निकाली जाती है कमियां।

– एक माह में मिली कमियों को दुरुस्त कर ७५ प्रतिशत अंक स्वयं संतुष्टि होने पर देकर इंटर जिला टीम का निरीक्षण।
– ७५ प्रतिशत अंक मिलने पर इंटर जिला के तहत नागौर जिले की टीम ने किया था दो माह पहले अस्पताल का निरीक्षण।

– नागौर की टीम ने बेहतर अंक दिए, इस कारण गुरुवार राज्य स्तरीय टीम ने किया अस्पताल का निरीक्षण।

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