धरना-प्रदर्शन के दौरान मिल महाप्रबन्धक सुभाष चन्द्र शर्मा ने किसानों के साथ वार्ता की। उन्होंने पिराई में तेजी लाने व इसकी क्षमता बढ़ाने का आश्वासन दिया। वहीं इसके लिए जिम्मेदार व लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही। इस पर किसानों ने धरना उठा लिया।
सहमत हुए किसानों ने 26 जनवरी तक 15 हजार क्विंटल पिराई क्षमता प्रतिदिन नहीं होने पर पुन: आंदोलन की चेतावनी दी। गन्ना उत्पादक समिति के सचिव सतविंदर सिंह ने कहा कि 18 जनवरी को सफाई के लिए मिल को बंद किया गया। इसमें 36 घंटे के बजाय 55 घंटे से ज्यादा समय तक बंद रख कर किसानों को बेवजह परेशान किया गया। उस दौरान केवल 8 हजार की क्षमता पिराई का औसत रहा।
किसानों ने कहा कि पिराई की यही चाल रही तो किसानों का गन्ना खेतों में ही पड़ा रह जाएगा। दूसरी ओर, मिल प्रबंधन पिराई में तेजी नही आने के पीछे बॉयलर (बोइलिंग) हाउस में आ रही दिक्कत को बता रहा है। उनका कहना है कि इसी कमी की वजह से चीनी निर्माण का कार्य गति नही पकड़ पा रहा। इसके लिए स्थाई उपाय निकालने की बात मिल की ओर से कही गई है।
मिल में अब तक 247581 क्विंटल गन्ने की पिराई हो चुकी है जबकि 16 हजार क्विंटल चीनी का निर्माण अभी तक हो पाया है। इन सभी मे तकनीकी खामियों के कारण नुकसान उठाने की बात कही जा रही है। मिल में बिजली उत्पादन की बात करे तो अभी तक 20.73 लाख यूनिट का उत्पादन कर 7.98 लाख यूनिट बिजली बेची गई है ।