गंगनहर के किसान दो साल से हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने और पानी में उतार-चढ़ाव की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। इसके लिए किसान संगठनों ने कई बार आंदोलन किए। लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ। किसान संगठनों ने अब विचार-विमर्श के बाद २५ सितम्बर से गंगासिंह चौक पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय किया है। गंगानगर किसान समिति के संतवीर सिंह मोहनपुरा ने बताया कि ज्ञापन और वार्ता का सहारा अब नहीं लिया जाएगा।
किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए सरकार को २४ सितम्बर तक का समय है। उसके बाद किसान मोर्चा संभाल लेंगे। सरकार किसानों को गिरफ्तार कर जेल में ठूंसेगी तब भी उसके खिलाफ मोर्चा जारी रहेगा। बैठक में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजकुमार गौड़ व पृथीपाल सिंह संधू, काका हरेन्द्र सिंह, भूमि विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष राकेश ठोलिया, चमकौर सिंह और रविन्द्र तरखान सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
बर्बाद हुई फसलें
बैठक में वक्ताओं ने नहरी पानी की कमी से नरमा फसल बर्बाद होने के लिए राजस्थान सरकार को दोषी ठहराया। उनका कहना था कि पानी की स्थिति यही रही तो किसान सरसों की बिजाई भी नहीं कर पाएंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि २५ सितम्बर को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से पहले गंगासिंह चौक पर अनशन या क्रमिक अनशन भी शुरू किया जा सकता है। मोर्चा खोलने के बाद जिला कलक्टर को कोई ज्ञापन नहीं दिया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने नहरी पानी की कमी से नरमा फसल बर्बाद होने के लिए राजस्थान सरकार को दोषी ठहराया। उनका कहना था कि पानी की स्थिति यही रही तो किसान सरसों की बिजाई भी नहीं कर पाएंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि २५ सितम्बर को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से पहले गंगासिंह चौक पर अनशन या क्रमिक अनशन भी शुरू किया जा सकता है। मोर्चा खोलने के बाद जिला कलक्टर को कोई ज्ञापन नहीं दिया जाएगा।
किसानों की मांगें
गंगनहर के किसानों को हिस्से का पूरा पानी मिले।
मंूग और नरमा की पूरी फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जाए।
फिरोजपुर फीडर का जीर्णोद्धार जल्द से जल्द करवाया जाए।
बरसात की कमी से बर्बाद मूंग और ग्वार की फसल का बीमा क्लेम दिलाया जाए।
गंगनहर के किसानों को हिस्से का पूरा पानी मिले।
मंूग और नरमा की पूरी फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जाए।
फिरोजपुर फीडर का जीर्णोद्धार जल्द से जल्द करवाया जाए।
बरसात की कमी से बर्बाद मूंग और ग्वार की फसल का बीमा क्लेम दिलाया जाए।