‘बिजली’ को मिला पानी तो ली राहत की सांस
सूरतगढ़ थर्मल (श्रीगंगानगर).परियोजना प्रशासन द्वारा इंदिरागांधी नहर विभाग को आंशिक भुगतान करने के बाद करीब एक सप्ताह से बन्द थर्मल परियोजना का पानी फिर से शुरू हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार थर्मल प्रशासन ने नहर विभाग के बकाया 36 करोड़ में से तीन करोड़ का भुगतान करने के बाद इंदिरागांधी नहर विभाग ने मंगलवार से परियोजना के लिए पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी है।
‘बिजली’ को मिला पानी तो ली राहत की सांस
सूरतगढ़ थर्मल (श्रीगंगानगर).
परियोजना प्रशासन द्वारा इंदिरागांधी नहर विभाग को आंशिक भुगतान करने के बाद करीब एक सप्ताह से बन्द थर्मल परियोजना का पानी फिर से शुरू हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार थर्मल प्रशासन ने नहर विभाग के बकाया 36 करोड़ में से तीन करोड़ का भुगतान करने के बाद इंदिरागांधी नहर विभाग ने मंगलवार से परियोजना के लिए पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी है।
गौरतलब है कि सब क्रिटिकल व सुपर क्रिटिकल थर्मल के लिए इंदिरागांधी नहर से रोजाना 60 से 70 क्यूसेक पानी की आपूर्ति होती है। परियोजना प्रशासन पर नहर विभाग के करीब 36 करोड़ रुपये बकाया होने के कारण नहर विभाग ने 23 फरवरी से थर्मल में पानी की आपूर्ति रोक दी थी। इससे पूर्व भी नहर विभाग ने दिसम्बर माह में भी करीब पानी की आपूर्ति रोकी थी। तब भी थर्मल प्रशासन ने 5 करोड़ रुपये का भुगतान कर पानी आपूर्ति सुचारू हुई थी।
एक लाख किलो लीटर पानी की रोजाना खपत-
जानकारी के अनुसार परियोजना में स्थापित 250-250 मेगावाट की छह इकाइयों में रोजाना डेढ़ लाख क्यूबिक मीटर पानी की खपत होती है। वहीं 660-660 मेगावाट की सातवीं आठवी इकाई में रोजाना करीब एक लाख क्यूबिक मीटर पानी की खपत होती है।
घाटे से बिगड़ा गणित-
गौरतलब है कि 1500 मेगावाट के सूरतगढ़ सब क्रिटिकल थर्मल 81.52 करोड़ व 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटीकल थर्मल 259.07 करोड़ सहित राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम चालू वित्तीय वर्ष में करीब 1422 करोड़ के घाटे में है। जिसके चलते फंड नहीं आने से परियोजना प्रशासन नहर विभाग सहित विभिन्न अनुबंधों, ठेका फर्मों, व उपकरण सप्लाई करने वाली फर्मों को महीनों से भुगतान नहीं हो पाया है।
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