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प्रसव कक्षों की नहीं सुधर रही है व्यवस्थाएं,जिला चिकित्सालय में 24 घंटे डॉक्टर रहना चाहिए

locationश्री गंगानगरPublished: Feb 13, 2019 09:48:39 pm

Submitted by:

Krishan chauhan

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प्रसव कक्षों की नहीं सुधर रही है व्यवस्थाएं,जिला चिकित्सालय में 24 घंटे डॉक्टर रहना चाहिए

प्रसव कक्षों की नहीं सुधर रही है व्यवस्थाएं,जिला चिकित्सालय में 24 घंटे डॉक्टर रहना चाहिए

-प्रसव कक्षों को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग उठा रहा है कदम

श्रीगंगानगर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पीएचसी,सीएचसी व जिला चिकित्सालय में लैबर रूम में गुणवत्तापूर्ण सुविधा की बात की जा रही है जबकि जमीनी सच्चाई इससे बहुत दूर की बात है। गर्भवती महिला जब भर्ती होती है तो उसको बैड तक नहीं मिलता है। समय पर उसकी जांच नहीं होती है। नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर सही व्यवहार नहीं करते हैं। प्रसव होने पर बधाई के नाम पर खुल्लेआम राशि ली जाती है। किसी महिला में रक्त की कमी है तो वह रक्त व जांच आदि में दो दिन तक उसको उलझा कर रख दिया जाता है। कहीं पर कोई सुनवाई नहीं होती है। प्रसव ही नर्सिंग स्टाफ करवाती है। जिला कलक्टर ने कुछ दिन पहले पीएमओ को आदेश दिए कि लैबर रूमें राउंड दी क्लॉक एक डॉक्टर की व्यवस्था की जाए लेकिन कलक्टर के आदेश हवा हो चुके हैं।
जिले में 101 प्रसव कक्ष की जांच–जिले में संचालित हो रहे 101 प्रसव कक्षों में व्यापक सुधार और उन्हें गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल ने अहम कदम उठाए हैं सभी बीसीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के चारों जिला अधिकारियों को सघनता से निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया है। ये अधिकारी निरीक्षण कर सीएमएचओ को तथ्यात्मक रिपोर्ट देंगे और खामियां मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं उन्होंने विगत दो दिनों में सभी अधिकारियों, सुपरवाइजरों व अन्य एनएचएम टीम के जरिए प्रसव कक्षों का निरीक्षण करवाए। बुधवार को सीएमएचओ डॉ. बसंल ने स्वयं अनेक केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं।
हर बार आदेश होते हैं जबकि पालना नहीं–सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल ने बताया कि जिले के सभी प्रसव कक्षों में उपलब्ध बुनियादी सुविधा एवं उपकरण को व्यवस्थित करने, संक्रमण की रोकथाम, स्टेंर्डउ क्लीनिकल प्रोटोकॉल एवं स्किल आदि नियमों की पालना के निर्देश जारी किए गए हैं। यही नहीं सभी बीसीएमओ सहित चिकित्सा प्रभारियों को पाबंद किया गया है कि वे प्रसव कक्षों में सोहार्दपूर्ण वातावरण बनाने के साथ ही प्रसूता की निजता एवं गरिमा का सम्मान करें और अपने अधीनस्थ स्टाफ को इसके लिए पाबंद करें।
कार्मिक नहीं लेगा कोई उपचार–प्रसव कक्ष में उपहार या नकद लेन-देन आदि की शिकायत प्राप्त हुई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन आदेशों की पालना एवं प्रसव कक्षों की स्थिति व्यवस्थित करने के अधिकारियों को पाबंद किया है जो नियमित रूप से प्रसव कक्षों का निरीक्षण करेंगे। प्रसव कक्ष में क्या करें,क्या नहीं करें आदि पर निर्धारित प्रारूप के तहत उक्त अधिकारी निरीक्षण कर रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपेंगे। आगामी सात दिन में सभी प्रसव कक्षों का निरीक्षण कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बुनियादी सुविधा,काजगी आदेश–सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल ने बताया कि इस संबंध में राज्यस्तर से निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिनके मुताबिक प्रसव केंद्रों पर उपयोग में ली जा रही टेबल टूटी हुई न हो,जंग लगी न हो और यदि ऐसा है तो तुरंत प्रभाव से बदला जाएगा। गर्भवती महिला के लेबर टेबल पर चढने के लिए टू स्टेप लेडर की व्यवस्था अवश्य हो, टेबल पर गद्दा, मैकिनटोश व कैलिसपेड हों, प्रसव कक्ष की टाईल्स फिसलन रोधी हो, प्रोटोकॉल पोस्टर के अलावा अन्य पोस्टर न हो, कक्ष में नवजता शिशु को हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए क्रियाशील रेडियंट वार्मर हो,ऑक्सीटोनिस जैसे इंजेक्शन व अन्य दवाएं की सुनिश्तिा की जाए।
नहीं होती आदेशों की पालना-प्रसव कक्ष में एवं उसके बाहर नजदीकी एफआरयू संस्था का नाम, चिकित्सा प्रभारी का नाम व एम्बुंलेंस ड्राइवर का नाम व नंबर हो ताकि आपात स्थिति में उन्हें सुचित किया जा सके,प्रसव कक्ष के बाहर प्रभारी चिकित्सक व नर्सिंग अधिकारी का नाम मय मोबाइल नंबर हो, लाइट का उचित प्रबंधन, कक्ष में सेकण्ड सुई वाली घड़ी, यहां के शौचालय साफ हों, हाथ धोने की साबुन हो और तापमान नापने के लिए तापमापक यंत्र आदि सहित अन्य नियमों की पालना के लिए सभी अधिकारियों का पाबंद किया गया है।
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