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रात में नहीं उजाले में जलती है रोड लाइट्स

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 24, 2018 10:24:38 am

Submitted by:

jainarayan purohit

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Road lights

रात में नहीं उजाले में जलती है रोड लाइट्स

श्रीगंगानगर.

शहर में सांझ ढलते ही कई इलाके अंधेरे में डूब जाते हैं, लाखों रुपए का बजट खचज़् नगर परिषद प्रशासन ने रोड लाइट्स लगाई थी लेकिन दो सालों में अब भी स्थिति वैसी है जैसी पहले थी। जवाहरनगर इंदिरा वाटिका से लेकर शहर के गली मोहल्ले में इस समस्या से लोग सांझ ढलते ही रूबरू हो जाते हैं लेकिन नगर परिषद प्रशासन सिफज़् कागजी कारज़्वाई तक ही सीमित रहा।
कई मोहल्लों में तो रात के समय रोड लाइट्स नहीं जलती, दिन के उजाले में ऐसी रोड लाइटस जलने पर लोग शिकायत भी करते हैं लेकिन सुनता कोई नहीं। नतीजन हर गली मोहल्ले में यह परेशानी अब स्थायी बन चुकी है। नगर परिषद परिसर में विद्युत शाखा में तत्कालीन एइएन नरसिंह बिश्नोई सेवानिवृत हुए हैं तब से यह समस्या यथावत है।
कई इलाके नगर विकास न्यास का एरिया बताकर लोगों को उनकी समस्याओं को सुनने की बजाय टरकाया जा रहा है। सेतिया कॉलोनी के अलावा ब्लॉक एरिया की कई गलियों में रोड लाइट का टाइमर ही गलत लगा हुआ है वह रात को बंद और दिन होते ही ऑन हो जाता है।
तीन टीमें फिर भी यह हालात
नगर परिषद की अलग-अलग दो टीमें है। इसमें एक तो एलइडी रोड लाइट्स के लिए प्राइवेट कंपनी के अधिकृत इंजीनियर की अगुवाई में कायज़्रत है। वहीं दूसरी नगर परिषद के पुराने कामिज़्कों के साथ बारह जनों की टीम है। तीसरी टीम नगर विकास न्यास की है, जो ज्यादातर शिकायत पर हरकत में आती है।
तीन टीमों के तालमेल नहीं होने के कारण रोड लाइट्स खराब करने के लिए दुरुस्त नहीं हो पाती है। नगर परिषद की रोड लाइट ठीक करने वाली टीम का दावा है कि उनके पास बल्ब या टयूब या बिजली की तारें तक नहीं है जिससे वे काम कैसे करें। जहां तारें टूटी है उसे जोडऩे का काम ही करते है।
दूसरी ओर एलइडी लाइट्स की रखरखाव वाली कंपनी की टीम जयपुर से टोल-फ्री फोन पर आई शिकायतों का निस्तारण करने जाती है। वहीं न्यास टीम के पास भी इतने संसाधन नहीं है जिससे वह इन लाइटों को दुरुस्त
कर सके।

कोई हिसाब नहीं
नगर परिषद सभापति अजय चांडक का आरोप है कि रोड लाइट्स को एलइडी में बदला गया, करीब बारह हजार नई एलइडी लाइट्स लगाई थी, तब यह दावा किया गया था कि रोड लाइट्स से बिजली की खपत कम होगी तो बिल भी कम आएगा। इस परिवतज़्न के नाम पर करीब एक करोड़ रुपए का बजट भी खचज़् किया गया था। लेकिन इसका फायदा आमजन तक नहीं पहुंचा। उन्होंने आयुक्त को कई बार दिन के समय में रोड लाइट्स जलने की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि स्ट्रीट लाइट्स के नाम पर उठ रहे बजट के संबंध में हिसाब किताब भी मांगा लेकिन अब तक कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है।

अब सख्त एक्शन
यह सही है कि जस्सासिंह मागज़् सहित कई रोड लाइट्स की समस्या है। इसे दुरुस्त करवाया जा रहा है। अब सख्ती से एक्शन लिया जा रहा है। यहां तक कि प्रत्येक टीम की मॉनीटरिंग के लिए बकायदा रजिस्टर में एंट्री की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। किसी भी पाकज़् में लाइट्स नहीं जल रही है या दिन के समय रोड लाइट़स जलती है तो संबंधित एइएन या जेइएन के खिलाफ कारज़्वाई की जाएगी।
अशोक असीजा,
आयुक्त नगर परिषद, श्रीगंगानगर।
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