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राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर सेना के खाली बंकरों को किसने बनाया अपना अड्डा?

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 19, 2019 08:32:41 am

Submitted by:

santosh

सेना के बंकर सुरक्षा के लिहाज से कितने महत्वपूर्ण होते हैं, ये युद्धकाल में पता चलता है। लेकिन श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाक सीमा से सटे सेना के बंकर नशेडि़यों के काम आ रहे हैं।

army bunker
श्रीगंगानगर। सेना के बंकर सुरक्षा के लिहाज से कितने महत्वपूर्ण होते हैं, ये युद्धकाल में पता चलता है। लेकिन श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाक सीमा से सटे सेना के बंकर नशेडि़यों के काम आ रहे हैं।
वे न केवल नशे के लिए इनका उपयोग करते हैं, बल्कि बंकरों से लोहे के गेट और खिड़कियां तक चोरी कर कबाड़ में बेच रहे हैं। हाल में एेसे कई मामले पुलिस तक भी पहुंचे हैं।
इसके बावजूद बंकरों के गेट और खिड़कियां चोरी होने का सिलसिला थम नहीं रहा। करगिल युद्ध के समय 1999 में सेना ने जिले के सीमा क्षेत्र में हजारों की संख्या में कंक्रीट और बजरी के ठोस बंकरों का निर्माण करवाया था।
एेसे बंकर खेतों के अलावा नहरों के किनारे पर भी बनाए गए। 2001 में संसद पर आतंककारी हमले के बाद युद्ध की आशंका के चलते फिर सेना ने मोर्चा संभाला और हालात सामान्य होने तक इन बंकरों में सैनिकों ने डेरा डाले रखा।
युद्ध काल में बंकरों का उपयोग सेना करती है तो इनकी देखभाल सेना करती है। लेकिन शांति काल में सेना सीमा क्षेत्र से छावनियों की ओर लौटती है तो सरकारी भूमि पर बने बंकरों की देखभाल की जिम्मेदारी सरपंच अथवा जिसकी भूमि पर इन्हें बनाया जाता है, उस किसान को दी जाती है। नशेड़ी उन्हीं बंकरों को निशाना बना रहे हैं जो सरकारी भूमि पर बने हुए हैं।
सुरक्षा किसके हवाले
कभी बंकरों की तरफ कोई झांकता तक नहीं था। अब नशेड़ी न केवल इन बंकरों का उपयोग नशा करने के लिए करते हैं बल्कि नशे के लिए पैसे का जुगाड़ करने के लिए इन के गेटों और खिड़कियों को उखाड़ कर कबाडि़यों को बेच रहे हैं। ग्रामीण जनप्रतिनिधि सरपंच या पंच की सूचना पर पुलिस चोरी की रिपोर्ट तो दर्ज करती है, लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई।
मामलों की होगी जांच
सेना के बंकरों से लोहे के गेट और खिड़कियां चोरी होने के जितने भी मामले हैं, उनकी गहराई से जांच करवाएंगे। सेना की धरोहर को नशेड़ी नहीं नोचे इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। इस काम में सरपंचों की मदद ली जाएगी।
हेमंत शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक, श्रीगंगानगर
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