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अमरीका में ऐसा क्या हुआ कि राष्ट्रगान के समय घुटनों के बल बैठ गया यह खिलाड़ी

locationसतनाPublished: Sep 06, 2016 10:09:00 am

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मैं एक ऐसे देश के झंडे को सम्मान देने के लिए खड़ा नहीं हो सकता, जहां रंग के आधार पर लोगों के बीच फर्क किया जाता हो। मेरे लिए यह फुटबॉल से बड़ा है और मेरे हिसाब से इसे नजरअंदाज करना स्वार्थी होना है।

अमरीका में राष्ट्रगान के वक्त सीधे खड़े होकर दाएं हाथ को बाईं ओर दिल के ऊपर रखने की परंपरा है। फुटबॉलर कोलिन कैपरनिक ने इस देशज परंपरा को तोड़ा और राष्ट्रगान के वक्त घुटनों के बल बैठ गए। 
ऐसा उन्होंने अमरीका में अल्पसंख्यकों और अफ्रीकी मूल के लोगों के साथ भेदभाव के खिलाफ किया। 5 सितंबर को अमरीका की राष्ट्रीय महिला टीम की सदस्य फुटबॉलर मीगन रैपिनॉय ने भी विरोध का यही तरीका अपनाकर कोलिन का समर्थन किया।
क्या कहते हैं कोलिन

मैं एक ऐसे देश के झंडे को सम्मान देने के लिए खड़ा नहीं हो सकता, जहां रंग के आधार पर लोगों के बीच फर्क किया जाता हो। मेरे लिए यह फुटबॉल से बड़ा है और मेरे हिसाब से इसे नजरअंदाज करना स्वार्थी होना है। यहां सड़कों पर लाशें हैं और लोग हत्या से बचने के लिए मजबूरन छुट्टियां ले रहे हैं। 
कोलिन कैपरनिक, अमरीकी फुटबॉलर

जन्म: 3 नवम्बर 1987

नवादा में कॉलेज के दौरान दो बार ऑफेंसिव प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए। 

2008 में ह्यूमनटेरियन बाउल में मोस्ट वैल्यूबल खिलाड़ी का खिताब मिला।
सौतेला परिवार

कोलिन रूसी मां और अफ्रीकी-अमरीकी पिता की संतान हैं। पैदाइश से पहले ही माता-पिता अलग हो गए। मां हैदी जबरान्सकी ने एक गोरे दम्पती को गोद दे दिया। चार साल की उम्र तक कोलिन विस्कोंसिन में रहे। फिर नया परिवार कैलिफोर्निया आ गया। 
8 साल की उम्र में शुरू किया फुटबॉल

कोलिन आठ साल के थे, तब स्कूल में फुटबॉल खेलना शुरू किया। नौ साल उम्र में स्कूल की जूनियर टीम का हिस्सा बने। इस दौरान उन्होंने कई पुंट, पास और किक प्रतियोगिताएं जीतीं। किशोर उम्र से ही कोच उनकी गेंद पास करने की काबिलियत के कायल रहे हैं। 
बेसबॉल भी खेला

कोलिन कॉलेज के दिनों में बेसबॉल भी खेला करते थे और उन्हें इसके लिए कई छात्रवृत्तियां भी मिली हैं। हालांकि बाद के दिनों में उन्होंने खुद को पूरी तरह फुटबॉल के लिए समर्पित कर दिया।
ओलंपिक में बनाया था विश्व रिकॉर्ड

कोलिन के समर्थन में आते हुए मीगन भी एक मैच के दौरान राष्ट्र गान के वक्त घुटनों पर बैठ गईं। ओलंपिक में कॉर्नर से सीधी किक मारकर गोल करने वाली इतिहास की एकमात्र खिलाड़ी मीगन ने यह कारनामा 2012 के लंदन ओलंपिक में किया था। वे 2003 में अमरीका की जूनियर राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनीं।
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