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यह महिला एक दिन में लगातार चार बार नाहरगढ़ पर चढी-उतरती थी

locationजयपुरPublished: Nov 21, 2018 06:45:50 pm

Submitted by:

Anurag Trivedi

मलेशिया में आयोजित आयरनमैन कॉम्पीटिशन में डॉ. साधना आर्या ने पिंकसिटी का नाम किया रोशन, आयरनमैन 70.3 कैटेगिरी में थर्ड पॉजिशन पर रहीं, कॉम्पीटिशन के दौरान 1.9 किलोमीटर स्वीमिंग, 90 किलोमीटर साइक्लिंग और 21.1 किलामीटर की रनिंग को 8 घंटे में किया कंपलीट

merathan

यह महिला एक दिन में लगातार चार बार नाहरगढ़ पर चढी-उतरती थी

जयपुर। दुनिया की सबसे कठिन स्पर्धाओं में गिनी जाने वाले आयरमैन के लिए इस बार जयपुर का परचम डॉ. साधना आर्या ने फहराया है। मलेशिया में आयोजित आयरनमैन कॉम्पीटिशन में साधना ने 70.3 कैटेगिरी में तीसरे स्थान पर रही हैं। इस कॉम्पीटिशन में डॉ. साधना ने 1.9 किलोमीटर स्वीमिंग, 90 किलोमीटर साइक्लिंग और 21.1 किलामीटर की रनिंग 8 घंटे में कंपलीट की है। स्पर्धा से लौटकर आई साधना ने पत्रिका प्लस से अनुभव शेयर करते हुए कहा कि ५६ साल की उम्र में आयरनमैन बनना काफी सुखद महसूस करवाता है। यह कॉम्पीटिशन आसान नहीं था, इसमें शारीरिक शक्ति के साथ ही मानसिक शक्ति की भी परीक्षा होती है। इस स्पर्धा में भाग लेने वाले व्यक्ति को स्वीमिंग, साइक्लिंग और मैराथन दौड़ में बिना रुके लक्ष्य हासिल करना होता है। ट्रेनिंग के दौरान मैंने एक दिन में लगातार चार बार नाहरगढ़ के उतरने और चढऩे की रनिंग कंपलीट की थी। इसी के चलते मलेशिया में मुझे काफी हेल्प मिली, लेकिन वहां नाहरगढ़ से भी खतरनाक ट्रेक था।
दोस्त ने किया था मोटिवेट
साधना आर्या ने बताया कि ५० साल की उम्र में रनिंग शुरू की थी, इससे पहले स्वीमिंग का शौक था। जब रनिंग शुरू की तो कुछ अच्छे दोस्त बन गए हैं। अमित चतुर्वेदी, किरनजीत और रेणु शर्मा के साथ रनिंग किया करती थी। अमित आयरनमैन रह चुके हैं, एेसे में उन्होंने आयरनमैन के लिए मुझे ट्राइ करने की सलाह दी और अन्य दोस्तों ने सहमति जाहिर की। अगस्त में मैंने ट्रेनिंग शुरू की और योस्को के दीपक राज ने मेरी ट्रेनिंग शुरू करवाई। उन्होंने मेरा स्ट्रक्चर प्लान तैयार करवाया। यह ट्रेनिंग तीन महीने १० दिन की रही। ट्रेनिंग के दौरान मेरे दोस्तों ने भी बहुत सी बेसिक चीजों पर काम करवाया, मेरे दोस्त एथलिट्स है, एेसे में उन्हें सही ट्रेनिंग की नॉलेज थी। मैंने ७०.३ कैटेगिरी में ५५-५९ एजगु्रप में यह कॉम्पीटिशन ८ घंटे में कंपलीट किया।
समुद्र में स्वीमिंग नहीं की थी

उन्होंने बताया कि यह स्पर्धा बहुत मायनों में काफी चैलेंजिंग रही। स्वीमिंग आती थी, लेकिन सी स्वीमिंग का अनुभव नहीं था। स्वीमिंग पूल में अब तक की मेरी ट्रेनिंग रही थी, एेसे में लहरों के बीच समुद्र में स्वीमिंग करना आसान नहीं था। वहीं साइक्लिंग भी एडवेंचर ट्रेक पर थी, नाहरगढ़ जैसी ट्रेक पर ५० किलोमीटर की रफ्तार को बैलेंस करना यादगार अनुभव रहा। इंडिया से हम साइकिल को डिसमेंटल करके लेकर मलेशिया गए और वहां ले जाकर साइकिल को असेंबल किया। इस पूरे काम में मेरे हसबैंड ने मेरी बहुत हेल्प की। वो हमेशा मेरे साथ थे।
मीठा छोड़ा, गेंहू बंद किया

पेशे से गाइनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर साधना आर्या ने बताया कि इस कॉम्पीटिशन के लिए स्पेशल डाइट प्लान की थी। मीठा बिलकुल छोड़ दिया था और गेंहू बंद कर दिया था। जिसके परिणाम मुझे कुछ ही दिनों में मिल गए थे। कॉम्पीटिशन से पहले बॉडी लाइट हो गई थी, इसका फायदा मिला। डॉक्टरी पेश होने का फायदा यह मिला कि जल्दी ही डाइट प्लान समझ गई। जयपुर आने के बाद दोस्तों ने गोल्फ ग्राउंड में बड़े उत्साह के साथ सम्मानित किया और मेरी जर्नी के बारे में जाना।
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