यहां पर पहुंचकर जानकारी ली तो पता चला कि केन्द्र गोदाम में जगह नहीं होने से खरीद नहीं हो रही है। जिससे किसानों को वापस करना पड़ रहा है। यह खरीद 1 अप्रेल से शुरू होकर जून माह तक की जाएगी। इस खरीदी पखवाड़े में इस बार अभी तक 329 किसानों ने सरसों क्रय के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। लेकिन इसमें से अभी तक केवल 98 किसानों ने ही मण्डी पहुंचकर अपनी सरसों की फसल को क्रय किया है। मण्डी प्रशासन अभी तक इन 98 किसानों से 4164 कट्टे यानी 2082 क्विंटल सरसों की खरीद कर चुका है। यानी अभी तक 229 किसान अपनी फसल को क्रय करने मण्डी नहीं पहुंचे हैं। लेकिन फिर भी मण्डी का माल गोदाम फुल हो चुके हैं। जिस कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। अब किसानों की केन्द्र पर गोदाम खाली होने के बाद ही खरीद की जाएगी।
एक किसान 25 क्विंटल बेच सकता- मंडी में समर्थन मूल्य इस बार 5650 रुपए रखा गया है। जो मंडी में आढ़तियों से 400 से 500 रुपए ज्यादा है। जिससे किसान यहां पर अपनी फसल को बेचने के लिए पहुंच रहे हंै। लेकिन क्रय केन्द्र की गोदाम में जगह नहीं होन से यहां पर शुक्रवार से खरीद बंद कर दी गई है। अब यहां का स्टॉक भरतपुर या करौली जाएगा। जिसके बाद किसानों की फसल की खरीद की जाएगी। वहीं रजिस्टे्रशन कराकर एक किसान अधिकतम 25 क्विंटल फसल बेच सकता है।
गेंहू के लिए केवल एक ने कराया रजिस्टे्रशन मंडी में सरकारी खरीद केन्द्र पर गेंहू का इस बार मूल्य 2400 रुपए रखा गया है। लेकिन केन्द्र पर भुगतान देरी और आढ़तियों की ओर से भी इसी मूल्य पर फसल खरीदने के कारण किसान मण्डी में गेंहू का क्रय करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। और अपना गेहूं आढ़तियों को ही बेच रहे हैं। जिस कारण सरकार को राजस्व हानि झेलनी पड़ रही है। वहीं ऐसा ही हाल रहा तो गेहूं खरीद का टारगेट इस बार मुश्किल होता दिख रहा है।जिन किसानों ने रजिस्टे्रशन करा दिए है। उनकी फसल खरीदी जा रही है। गोदाम फुल हो गई है। इसकी शुक्रवार को खरीद नहीं की गई है। जैसे ही गोदाम खाली होती है। फसल खरीदी जाएगी।
– गोपाल सिंह, क्रय-विक्रय केन्द्र प्रभारी धौलपुर